श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाती है.. सुश्री आरती ज्योति दीदी
नगरी में आने वाले समय में शिव भक्तों के द्वारा भव्य रूप से शिव महापुराण का आयोजन होगा
उत्तम साहू
नगरी/ सिहावा- अंचल के पावन भूमि महानदी की उद्गम स्थल सप्त श्रृषियों के तपोस्थली सिहावा क्षेत्र पौराणिक काल से ही कई रहस्यों को अपने गर्भ में समेटे हुए है,इस पवित्र भुमि पर बड़े बड़े ऋषि मुनियों ने तपस्या करके साधना में सिद्धि प्राप्त किया है, ऐसे ही एक बालविदुषि इस पवित्र भूमि पर पं देवव्रत शास्त्री और श्रीमती ललिता देवी दीवान के घर जन्म लेने वाली विभुति आरती ज्योति दीदी ने 9 वर्ष की बाल्यावस्था से श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करने में महारथ हासिलकर ली है, जिसके मुखारविंद से भागवत कथा सुनने भक्तों का हुजूम उमड़ता है,
आपको बता दें कि भगवताचार्य विदुषी ज्योति दीदी ने श्रीमद्भागवत कथा का वाचन प्रथम बार फरसियां के मां महामाया मंदिर के पावन धरा से शुरूआत की जो आज तक 64 भागवत महापुराण 11 देवी भागवत कथा का आयोजन दीदी जी के सानिध्य में हो चुका है,
कांकेर के दड़र्शेना कलार समाज के भवन में 8 से 14 अक्टूबर तक विशाल रुप में शिवमहापुराण का आयोजन किया गया था जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने दीदी के मुखारविंद से कथा श्रवण किया
नगरी निवासी आरती ज्योति दीदी से मुलाकात के दौरान बताई कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाती है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में शिवभक्तों के द्वारा नगर में भव्य रूप में शिव पुराण का आयोजन किया जाना है ।