फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाला जिला कार्यक्रम प्रबंधक बर्खास्त
सूरजपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नियुक्त डॉ. प्रिंस जायसवाल को फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के आयुक्त सह मिशन संचालक ने यह कार्रवाई करते हुए उनकी संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया है। डॉ. प्रिंस जायसवाल, जो वर्तमान में जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर प्रभारी थे, ने अपनी नियुक्ति के लिए Master of Public Health (MPH) की डिग्री साबरमती (पूर्व में कैलॉर्क्स टीचर्स यूनिवर्सिटी) से संलग्न की थी। लेकिन जब पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने उनकी डिग्री की सत्यता की जांच कराई, तो विश्वविद्यालय ने यह स्पष्ट किया कि “प्रिंस जायसवाल उनके छात्र नहीं हैं, और प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी हैं।
” एनएचएम कार्यालय ने डॉ. जायसवाल को जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब में उन्होंने कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला दिया, लेकिन कोई ठोस प्रमाण या न्यायालय से स्थगन आदेश प्रस्तुत नहीं कर सके। अधिकारियों ने पाया कि प्रिंस जायसवाल ने नियुक्ति के लिए कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया, जो मानव संसाधन नीति 2018 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का उल्लंघन है। डॉ. प्रिंस जायसवाल की सेवा संविदा नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। उन्हें एक माह का वेतन/मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह कार्रवाई एनएचएम के आदेश क्रमांक 4186 दिनांक 23.02.2024 के तहत की गई, जिसके अंतर्गत वे प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक बनाए गए थे। आदेश में स्पष्ट किया गया कि फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल करना गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है और ऐसे कृत्य के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी। इस मामले ने एक बार फिर सरकारी विभागों में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया की गंभीरता को रेखांकित किया है। एनएचएम ने कड़ा संदेश देते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह के किसी भी फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।