विधायक पद की गरिमा हुई तार तार..स्वतंत्रता दिवस पर विधायक अंबिका मरकाम की अवहेलना,

 विधायक पद की गरिमा हुई तार तार..स्वतंत्रता दिवस पर विधायक अंबिका मरकाम की अवहेलना,

 कांग्रेसियों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया..कहा शासन और प्रशासन कटघरे में..यह जनता का अपमान 


उत्तम साहू 

नगरी/ प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शासन के द्वारा उपेक्षित करने पर जनता में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है, आज के मुख कार्यक्रम में विधायक अंबिका मरकाम कहीं पर भी मुख्य अतिथि के तौर पर प्रशासनिक कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पाई वहीं विधायक के पद से नीचे के जनप्रतिनिधि को नगरी के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कराया गया जो विधायक जैसे पद की गरिमा को तार-तार करता है इससे साफ जाहिर होता है कि शासन और प्रशासन किसी व्यक्ति विशेष या किसी पार्टी विशेष के इशारे में निर्वाचित विधायक को दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है, इस पूरे घटनाक्रम पर शासन-प्रशासन कटघरे में दिखाई दे रहा,, 

उल्लेखनीय है कि आज पूरे भारत वर्ष मे आजादी के अमृत महोत्सव के बीच 78 वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, इसके साथ ही सिहावा विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस को विभिन्न गांवों व मुख्यालय में ध्वजारोहण किया गया, बता दें कि सिहावा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ब्लाक मुख्यालय के शासकीय श्रृंगी ऋषि उच्च माध्यमिक विद्यालय नगरी में मुख्य समारोह आयोजित किया गया था जहां पर गरिमापूर्ण माहौल में कार्यक्रम संपन्न हुआ, पूरे कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक श्रीमती अंबिका मरकाम की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रहा, जबकि ध्वजारोहण के इस मुख्य कार्यक्रम में विधायक होने के नाते श्रीमती अंबिका मरकाम को मुख्य अतिथि बनाए जाने थे लेकिन विपक्षी पार्टी की विधायक होने के कारण विधायक को उपेक्षित किया गया है, शासन-प्रशासन के इस रवैए पर नगर के साभ्रांत और वरिष्ठ नगरवासियों का कहना है कि इस तरह से विधायक को अपमानित करना पूरे सिहावा विधानसभा क्षेत्र के जनता का अपमान है,निर्वाचित जनप्रतिनिधि के पद की गरिमा को प्रशासनिक अमला के द्वारा तार तार किया गया, सिहावा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से अंबिका मरकाम को क्षेत्र की जनता ने विधायक के रूप में अपना प्रतिनिधि चुना है जो कि सिहावा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करती है लेकिन आज 15 अगस्त के कार्यक्रम में देखने को मिला कि विधायक जैसे सम्मानजनक पद की मर्यादा को ताक में रखकर किसी भी स्थान में ध्वजारोहण करने नहीं दिए जाने से शासन-प्रशासन सवालिया निशान खड़ा हो गया है, निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह से सौतेला व्यवहार उपेक्षापूर्ण बर्ताव किसके दिशा निर्देश पर हो रहा है जो एक सोचनीय विषय है,

हमने इस विषय पर अनुविभागीय अधिकारी पवन कुमार प्रेमी से बात किया तो उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार ही जनपद अध्यक्ष को मुख्य अतिथि बनाया गया है  माननीय विधायक महोदिया को मुख्य समारोह में आमंत्रित करने स्वयं तहसीलदार जी गए थे और मंच पर उनके लिए कुर्सी आरक्षित रखा गया था, इसमें उपेक्षा करने वाली कोई बात नहीं है, 




#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !