कांग्रेस की राजनीति में क्या होगी नंदकुमार साय की भुमिका राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय
उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया
रायपुर/छत्तीसगढ़ - राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा की पृष्ठभूमि से आने वाले नंदकुमार साय अब कांग्रेस के साथ हैं. कांग्रेस में नंदकुमार साय के आने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा खूब हो रही है कि साय की भूमिका क्या होगी ? खुद साय भी अब तक इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि कांग्रेस में वे किस जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे.
दूसरी ओर नंदकुमार साय को लेकर कांग्रेस पार्टी के अंदर ही कई तरह की चर्चा हो रही है. पार्टी के अंदर इस बात की चर्चा है कि साय एक नेकदिल, सौम्य छवि के निश्चल और सहज माने जाने वाले दिग्गज आदिवासी नेता हैं. आदिवासी समाज के बीच साय एक भरोसमंद चेहरा है. समाज के अंदर साय सबसे मजबूत स्तंभ हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या साय को कांग्रेस पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी ? लेकिन जिम्मेदारी क्या होगी ? इसे लेकर कांग्रेस के अंदर नेताओं की अलग-अलग राय है
पार्टी के अंदर चल रही चर्चाओं में कुछ नेताओं की राय है कि, नंदकुमार साय को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ के साथ ही आदिवासी, आरक्षण, धर्मांतरण, हिंदुत्व जैसे विषयों पर साय लंबी बहस कर सकते हैं. मोदी सरकार और भाजपा को इन विषयों पर जवाब देने में साय का कोई तोड़ नहीं है.
हालांकि, कांग्रेस नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा नहीं भेज पाएगी ! क्योंकि छत्तीसगढ़ के सभी 5 सीटों पर सदस्य राज्यसभा भेजे जा चुके हैं. ऐसे में अगर पार्टी नंदकुमार साय को राज्यसभा भेजती है, तो दूसरे राज्यों से ही संभव है. लेकिन ऐसी स्थिति 2023 में कहीं से बनती नजर नहीं आ रही है. हां 2024 में ऐसा जरूर संभव है, क्योंकि तब 65 सीटों पर चुनाव और जिनमें छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य शामिल हैं. दूसरी ओर राज्यसभा बनने की कोई प्रबल इच्छा भी नंदकुमार साय की नहीं दिखती.
वहीं नंदकुमार साय मीडिया में दिए बयानों में यह साफ कर चुके हैं कि, उनकी इच्छा फिलहाल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव लड़ने की है. साय 2023 में अपने गृह नगर कुनकुरी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. पहली चाहत उनकी विधायक बनने की है, जो कि पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक पूरी नहीं हो सकी है.