नगरी जनपद के सीईओ की मनमानी, सरकारी नियमों का उल्लघंन कर,शहरी क्षेत्र में ग्राम पंचायत को एजेंसी बना के करवाया करोड़ों का काम
इतना ही नहीं ट्रांसफर होने के बाद भी कोर्ट से ले आया स्टे आर्डर
उत्तम साहू नगरी
धमतरी/नगरी - जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर मनमानी पर उतर आया है, उक्त अधिकारी के द्वारा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, अधिकारी जब से पदस्थ हुआ है तब से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, जांच होती है तो मामले का खुलासा हो जाएगा
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार समूचे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निर्माण करवाया गया। अन्य जिलों में निर्माण एजेंसी विभिन्न विभागों को बनाया गया था जहां दक्षता प्राप्त इंजीनियरों द्वारा कार्य करवाया गया। लेकिन सिहावा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले नगरपंचायत नगरी में आत्मानंद स्कूल भवन के निर्माण के लिये ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाकर जिले के एक पूर्व अधिकारी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पूर्व में 4 करोड़ की लागत से बनने वाला यह स्कूल 10 करोड़ लगभग की राशि से प्रारंभ से ही लोगों की जुबानों में चर्चित रहा है। जागरूक लोगों ने तो यहां तक कहा है कि पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशानुसार यह करोड़ों का कार्य किसी विभाग प्रमुख से न करवाकर ग्राम पंचायतों से करवाना अनेक संदेहों को जन्म देता है। खबर तो यह भी है कि भवन निर्माण में प्रतिबंधित क्षेत्र से रेत निकाली गई उक्त अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग कर ठेकेदारों पर दबाव बना कर मिट्टी मुरूम रेत सीमेंट गिट्टी लिए, लेकिन ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया गया, इसके बदले भुगतान राशि का बिल लगा के रुपए निकाले स्कूल भवन का जितना भी कार्य हुआ है वह जनपद सीईओ के माध्यम से करवाया गया है जिसकी जानकारी ग्राम पंचायतों को भी नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि उक्त करोड़ों रूपये के स्कूल निर्माण से पहले सिहावा क्षेत्रवासियों की भावनाओं से जुड़ी श्रृंगि ऋषि हाई स्कूल को तोडऩे से लेकर नवनिर्माण तक नगर पंचायत से कोई एनओसी नहीं ली गई है और स्कूल डिस्मेंटल के नाम पर 1 करोड़ रूपये की राशि खर्च होना भी अपने आप में आश्चर्य एवं जांच का विषय है।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार पता चला है कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल भवन का निर्माण को लेकर जिले के पूर्व एक अधिकारी की खासी दिलचस्पी रही है क्योंकि इनके द्वारा शुरू से ही इस स्कूल भवन के निर्माण के लिये अपने एक रिश्तेदार को लाभ पहुंचाना मुख्य उद्देश्य था। इसीलिये इन्होंने उक्त भवन के निर्माण के लिये जिला शिक्षा अधिकारी को निर्माण एजेंसी बनाया। इन्होंने जनपद पंचायत को, और जनपद पंचायत ने ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाकर यह भारी भरकम कार्य करवाया। जानकारी में बताया गया कि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत ने इस निर्माण कार्य को लेकर सामान्य सभा की बैठक में इसका अनुमोदन नहीं करवाया। जो जानकारी सूचना के अधिकार के तहत दी गई है उसमें बताया गया है कि शासकीय श्रृुगी ऋषि उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नगरी में कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों से निर्माण कार्यों की एजेंसी ग्राम पंचायत को एजेंसी इसलिये बनाया क्योंकि जनपद के अधीन ग्राम पंचायतें होती हैं। पहले तो जानकारी देने में आनाकानी की गई जिसकी अब प्रथम अपील जिला पंचायत धमतरी में आवेदक द्वारा की गई थी। 16 मार्च 2023 को जो आदेश पारित किया गया है उसमें आवेदक को जानकारी प्रदान की गई और प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया, जो कि अपने आप में जांच का विषय है। इस पूरे मामले की अगर निष्पक्ष जांच होती है तो करोड़ों रूपये के अनियमितता का मामला उजागर होने की संभावना है।