राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन "बिहान" से महिलायें हो रहीं आत्मनिर्भर

 सफलता की कहानी 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन "बिहान" से महिलायें हो रहीं आत्मनिर्भर  

डेली नीड्स की दुकान से सुनीता को प्रतिदिन 500 से 700 रूपये की हो रही आमदनी

उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

धमतरी/ 12 जनवरी 2024/ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’बिहान’ से महिलायें स्वयं आत्मनिर्भर हो रहीं हैं। साथ ही अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहीं हैं। ऐसी ही महिला सेहराडबरी की श्रीमती सुनीता साहू। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ग्राम सेहराडबरी में गत दिनों लगे संकल्प शिविर में पहुंची सुनीता ने अपनी कहानी अपनी जुबानी बताते हुये कहा कि वे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह में जुड़ने से पहले घर का काम करतीं थीं और छोटे-मोटी जरूरतों के लिये पति और परिवार पर निर्भर रहतीं थीं। इसके बाद उन्हें योजना से जुड़ीं गांव की ही कुछ महिलाओं ने बताया कि स्व सहायता समूह से होने वाले फायदे के बारे में बारिकी से जानकारी दीं।

सुनीता ने इससे प्रभावित होकर बिल्कुल देर नहीं करते हुये स्व सहायता समूह से जुड़ने के लिये अपनी हामी भर दी। वैष्णवी स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद सुनीता सक्रिय महिला के रूप में चयनित हुईं। समूह के बचत, ग्राम संगठन एवं बैंक लिंकेज से कम ब्याज दर पर उपलब्ध होने वाले ऋण की जानकारी ली और दो लाख रूपये का ऋण लेकर आजीविका के लिये डेलीनीड्स की दुकान संचालित करने लगीं। इससे सुनीता को प्रतिदिन 500 से 700 रूपये की आमदनी होने लगी।

सुनीता बतातीं हैं कि वर्तमान में डेली नीड्स की दुकान चलाने के साथ ही सक्रिय महिला के रूप में कार्य करके अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहीं हैं। सुनीता ने बिहान से जुड़ने के बाद विभिन्न प्रशिक्षण भी प्राप्त कीं। इनमें 5 दिवसीय पुस्तक संचालन प्रशिक्षण, 7 दिवसीय सक्रिय महिला प्रशिक्षण, 6 दिवसीय सामाजिक सर्वेक्षण का प्रशिक्षण और 3 दिवसीय टीएमआईएस का प्रशिक्षण शामिल है। इसके साथ ही वे गांव की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित भी कर रहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से उन्हें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिये किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती। वे स्वयं अपना और परिवार को आजीविका के लिये आर्थिक मदद कर रहीं हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !