भारत के वकीलों के लिए "अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के लिए " (Advocate Protection Act ) का वादा सभी राजनीतिक दलों को 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में करना चाहिए - अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट
अतुल सचदेवा -दिल्ली दिनांक 4 अप्रैल 2024. दिल्ली के प्रसिद्ध एडवोकेट मुकेश राजपूत ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, भारत में वकील किसी भी न्यायिक प्रणाली का सबसे अपरिहार्य हिस्सा हैं, वे न्यायालय के अधिकारी हैं और समाज में न्याय प्रशासन में मदद करते हैं।
वर्तमान परिदृश्य में, भारत में वकीलों के लिए कोई “अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Act)” नहीं है, लेकिन राजस्थान सरकार वकीलों के लंबे विरोध/ हड़ताल के बाद विधानसभा के विशेष सत्र के जरिए प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लेकर आने वाला पहला प्रदेश है।
हमारे सभी राजनीतिक पार्टियों और नेताओं से कहना चाहता हूँ आने वाले लोकसभा चुनावों में जो भी राजनीतिक पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का वादा करेगी, उस पार्टी को लिए सभी पार्टियों अपने घोषणापत्र में वादा करें।
इस मांग को लेकर यूनाईटेड एडवोकेट ऑफ इंडिया अपने अधिवक्ता साथियो के साथ देश मुख्य राजनीतिक पार्टियों से ज्ञापन के साथ मिलने वाले हैं lअधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Act) की माँग काफी लंबे समय से चल रहीं है lएक निडर और मजबूत बार समाज में न्याय प्रशासन का आधार है। इसलिए, अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक विधायी ढांचा समय की मांग है, ताकि वकील बिना किसी डर के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
हम आशा करते हैं सभी राजनीतिक पार्टियों इस मांग को अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता दे l राजनीतिक पार्टियों को अपने चुनाव घोषणापत्र में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को मुद्दा बनाना चाहिए , united advocates of India के अध्यक्ष ने मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमेशा मीडिया से बातचीत करके, हमारी बातचीत जनता तक पहुंचाना के लिए न्याय प्रशासन स्थापित करने में, मीडिया का भी महत्वपूर्ण योगदान है।