डीएफओ और रेंजर सहित 15 अधिकारी कर्मचारियों को सत्र न्यायालय धमतरी के द्वारा नोटिस जारी
मामला नियम विरुद्ध कार्यालय का ताला तोड कर बलपूर्वक सरकारी फाईलों को ले जाने का
धमतरी/नगरी- उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद के सहायक संचालक वरूण जैन द्वारा 15 व 16 मार्च 2024 को उदंती सीता नदी के नगरी स्थित कार्यालय में ताला तोड़कर कुछ जरूरी दस्तावेज ले गए थे, इस दरमियान पुलिस और मीडिया की उपस्थिति में डीएफओ वरुण जैन और एसडीओ मेहत्तर राम साहू के बीच तिखी बहस हुई थी, इस घटनाक्रम की राज्य स्तर पर चर्चा का विषय भी बना था, इस घटना की पूरी जानकारी प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई थी इसके बाद भी डीएफओ पर विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने से व्यथित होकर एसडीओ एम आर साहू ने अधिकारी के विरुद्ध जिला एवं सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल किया गया,इस पर माननीय न्यायालय ने दांडिक प्रकरण क्रमांक 16/ 2024 दर्ज करते हुए कुल 15 अधिकारी कर्मचारी को नोटिस जारी किया गया है, जिनके नाम नोटिस जारी हुआ है उसके नाम डीएफओ वरुण जैन जगदीश प्रसाद दर्रों, रेंजर देवदत्त तारम, नरेशचंद्र देवनाग डिगलेश्वर सिंह ठाकुर, संजय सिन्हा, प्रकाश कुमार साहू, अरुण दास मानिकपुरी, लाल बहादुर भिलेपारिया, जितेंद्र निषाद, आशीष राजपूत, लोकेश्वर चक्रधारी, गजेंद्र यादव, राकेश मारकंडे, फलेश्वर दीवान, टकेश्वर देवांगन को नोटिस जारी किया गया है
जानिए क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में वन विभाग में हो रहे गड़बड़ी से बहुत बड़ा खेला नजर आ रहा है, एसडीओ के अनुसार वन्य प्राणी पैंगोलिन के तस्करी मामले से संबंधित फाइल एवं अवैध नियुक्ति का मामला सहित दो करोड़ से अधिक की राशि शासन को क्षति पहुंचाई गई है, जिसके फाईलों को वरुण जैन द्वारा नियम विरुद्ध कार्यालय का ताला तोड कर बलपूर्वक सभी फाईलों को अपने साथ ले गया, असल में डीएफओ के विरुद्ध की जा रही जांच में फंसने के डर से फाइल चोरी कर ले गए इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई है, वरुण जैन के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से एसडीओ ने न्यायालय का शरण लिया है एवं धारा 294 506 बी 380 457 467 468 120 बी / 34 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत वरुण जैन एवं 15 अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध संगीन आरोप है,