ब्रम्हाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी में मनाया गया पर्यावरण दिवस

 ब्रम्हाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी में मनाया गया पर्यावरण दिवस 

पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण की वास्तविकता को बनाए रखना होगा.. अंबिका मरकाम 


उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

नगरी/ 5 जून 2024 विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी में पर्यावरण दिवस का महोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सिहावा विधानसभा क्षेत्र की विधायिका श्रीमती अंबिका मरकाम,उप वनमंडलाधिकारी जितेंद्र साहू, एवं राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ब्रह्माकुमारी मुलेश्वरी बहन के द्वारा संस्था के परिसर में उपयोगी पौधे रोपे गए उक्त अवसर पर बड़ी संख्या में संस्था के भाई बहन उपस्थित रहे। 


तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी राजऋषि भवन नगरी में विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से श्रीमती अंबिका मरकाम,जितेंद्र साहू, भानेंद्र ठाकुर जी (उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी धमतरी), श्रीमती तामेश्वरी साहू जी (सचिव ब्लॉक कांग्रेस कमेटी नगरी), श्रीमती दुर्गेश नंदिनी साहू जी (प्रदेश सचिव साहू समाज ) सहित नगर के गणमान्य नागरिक तथा संस्था के भाई-बहन उपस्थित रहे। परंपरा अनुसार सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुभारंभ परमपिता परमात्मा की याद में दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात् सभी अतिथियों का ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा स्वागत सत्कार किया गया साथ ही ईश्वरीय भेंट प्रदान की गई। इस मौके पर बच्चों के द्वारा स्वागत नृत्य की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात पर्यावरण सुरक्षा को लेकर श्रीमती अंबिका मरकाम ने कहा हम सब प्रकृति के पुजारी हैं प्रकृति हमें वह सारी चीजें प्रदान करती है जिसकी हमें आवश्यकता होती है हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए जंगल को बचा के रखा था परंतु आज हम अपनी आवश्यकता के वशीभूत होकर संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर जंगलों की अंधाधुंध कटाई करते चले जा रहे हैं जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है ऐसे समय में हमें घर-घर पेड़ पौधे लगाने होंगे और जो पौधे लगे हैं उनकी सुरक्षा करना होगा। 


इसी तारतम्य में उपवन मंडलाधिकारी जितेंद्र साहू ने ब्रह्मकुमारी बहनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम एक दूसरे को पर्यावरण की बधाई व शुभकामनाएं देते हैं क्या हम सचमुच में बधाई के पात्र हैं क्या हम पर्यावरण के लिए ऐसा कार्य कर रहे हैं उन्होंने कहा की एक शोध में यह कहा गया है कि आज हम जिस गति से अपने संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं उसके लिए यह पृथ्वी काफी नहीं है हमें एक और पृथ्वी की आवश्यकता है उन्होंने कहा हम इस स्तर पर पहुंच गए हैं की पर्यावरण सुरक्षा हमारे लिए एक चुनौती बन गया है हम सबको मिलकर इस पर्यावरण के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। 



उद्बोधन की कड़ी में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभा को संबोधित करते हुए सभी को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि हम प्रकृति को माता मानते हैं जिस प्रकार मां अपने बच्चों का पालन पोषण करती है किसी भी चीज की कमी होने नहीं देती ठीक उसी प्रकार प्रकृति प्रकृति मां भी हमको हमारी आवश्यकताओं की हर एक चीज प्रदान करती है पर हम बच्चों का भी यह दायित्व होता है कि हम प्रकृति मां का ठीक उसी तरह तरह ख्याल रखें । प्रकृति माता द्वारा प्रदत्त वस्तुओं का सही उपयोग व उचित देखभाल करके एक सच्चा सपूत होने का सबूत देना है। अध्यात्म तथा प्रकृति का एक गहरा कनेक्शन है पेड़ पौधों को देवी देवताओं तुल्य पूजनीय माना गया है ताकि हम पेड़ पौधों के प्रति हमारी श्रद्धा रहे उचित देखभाल तथा संरक्षण कर सकें । तुलसी, पीपल के समान पौधों को हम अपने घर आंगन में लगाते हैं जो हमें निरंतर आक्सीजन प्रदान करते रहते हैं तथा वातावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाते है वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण की नितांत आवश्यकता है। हमारा प्रकृति के प्रति अटूट आस्था होनी चाहिए प्रकृति के संरक्षण हेतु हमें कृत संकल्पित रहना होगा। पेड़ पौधों के साथ-साथ जीव जंतु, नदी, पहाड़ आदि को भी बचाना होगा इसके लिए हम छोटे-छोटे प्रयास शुरू करें आसपास पौधों का रोपण करें तथा उनकी देखभाल करें इस तरह हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं आज हम अपने दैनिक जीवन में साधनों के वशीभूत होकर संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर रहे हैं आज मानव अपने शरीर का उपयोग करने के बजाय मशीनों का प्रयोग कर रहा है जिससे वह कमजोर तथा अनेक बीमारियों से ग्रस्त होते जा रहा है इस तरह मनुष्य की जीवन शैली अस्त-व्यस्त हो चुकी है ऐसे समय में प्रकृति के प्रति हम अपने दायित्वों को समझ तथा पूरी निष्ठा के साथ उनका पालन कर प्रकृति को संरक्षित करने में अपना अमूल्य योगदान देना है। 

सभी भाई बहनों से अपील करते हुए कहा की सभी अपने घरों के आसपास पौधे अवश्य लगावें तथा घर में एक यौगिक एवं जैविक तरीके से गृह वाटिका का निर्माण करें जिसमें आवश्यकता अनुसार फूल पौधे, साग, सब्जियां उगावें इस तरह हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियां को निभा सकते हैं । उसके पश्चात श्रीमती दुर्गेश नंदिनी साहू जी ने कहा केवल पर्यावरण दिवस मनाना यह काफी नहीं है वरन् हमें पर्यावरण सुरक्षा में अपना अमूल्य योगदान देकर इसकी सार्थकता को सिद्ध करना होगा। श्री भानेन्द्र ठाकुर जी ने कहा पर्यावरण को बचाने व संरक्षित रखने पर हम सबको अपनी महिती भूमिका निभानी होगी। श्रीमती तामेश्वरी साहू जी ने सभी को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की। अंत में ब्रह्माकुमारी मुलेश्वरी बहन द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को प्रतिज्ञा करवाई गई। रतिराम नाग द्वारा आभार व्यक्त किया गया तथा कार्यक्रम का कुशल संचालन भाई मन्नू साहू द्वारा किया गया।

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