पुत्र के दीर्घायु जीवन एवं लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा कमर छठ का व्रत
उत्तम साहू
नगरी/ हिंदू धर्म में हल षष्ठी के व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे बलदेव छठ, हर छठ, हल छठ, व चंदन छठ और छत्तीसगढ़ में इसे कमरछठ के नाम से जाना जाता है, इस दिन सुहागिन महिलाएं दिनभर उपवास रखकर सुहागिन माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए हल षष्ठी की व्रत रखकर पूजा आराधना कर मंगल कामना किए, यह व्रत भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है और इसे विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस अवसर पर वार्ड क्रमांक 2.3.4. के महिलाएं सगरी बना कर पूरे विधी विधान से पूजा अर्चना किया गया, इस दौरान चंचल शर्मा हेमलता यादव विनिता कोठारी,चेलेश्वरी साहू, छनीता साहू, पूनम शुक्ला,रानी निषाद,नम्रता नाग डिगेश साहू, अर्चना कौशल, कमलेश्वरी, यशोदा साहू,नेहा साहू, पूनम साहू,मोहनी साहू,रेखा सेन,ममता सोनी, श्रद्धा पोर्ते पूजा में सम्मिलित हुए,
मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन बलराम जी की पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार हरछठ पर भगवान बलराम के साथ छठ माता की विधिवत पूजा करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है।