डबल इंजन की सरकार में ग्राम पंचायतों के विकास कार्य अवरूद्ध
15 वें वित्त की राशि नहीं मिलने से उधार लेकर कार्य कराने वाले सरपंचों के बढ़ी परेशानी
मनरेगा मजदूरों को 30 करोड़ रूपये का भुगतान रुकने से मजदूरों की समस्या बढ़ी
उत्तम साहू
नगरी:-विकास कार्यो के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने की गारंटी तो खूब दी जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्राम पंचायतों को 15 वें वित्त की राशि नहीं मिलने से विकास कार्यो पर ब्रेक लग गया है। उधार लेकर काम कराने वाले सरपंच परेशान हो रहे है। वहीं जनपद व जिला पंचायत के प्रतिनिधि कार्यो का अनुमोदन कर राशि आने का इंतजार कर रहे है।
विदित हो कि 15 वें वित्त की राशि से ग्राम पंचायतों में मूलभूत आवश्यकता के कार्य, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, स्थापना, आधार भूत सरंचना के विकास के कार्य होते है. 70 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतों को मिलने के साथ ही 20 प्रतिशत राशि जनपद पंचायतों तथा 10 प्रतिशत राशि जिला पंचायतों को मिलती है। जिला पंचायत के 3 करोड़ 70 लाख रुपए होते है जिसे सभी 13 जिपं सदस्यों की अनुशंसा से 28-28 लाख खर्च किये जाते है। वहीं ग्राम पंचायतों की बात करे तो विकास कार्यो के लिए सरपंच सबसे ज्यादा आश्रित 15 वें वित्त की राशि पर रहते है। कुछ पंचायतों में तो सरपंचों के द्वारा बाद में भुगतान करने की प्रत्याशा में उधार लेकर काम करा लिया जाता है। इस बार 15 वे वित्त की राशि जारी करने में केन्द्र सरकार के द्वारा काफी लेटलतीफी की जा रही, जिसका सीधा असर पंचायतों के विकास पर पड़ रहा है। दूसरी ओर मनरेगा मजदूरों की राशि के लिए भी केन्द्र सरकार ने अब तक आंबटन नहीं दिया है। धमतरी जिले के मजदूरों को 15 मई के बाद से भुगतान नहीं मिला है। जिले में करीब 30 करोड़ रुपए मजदूरों का भी अटका हुआ है। मनरेगा के काम में पसीना बहाने वाले 35 से 38 हजार मजदूर भुगतान की राह ताक रहे है. अधिकारियों से संपर्क करने पर एक ही जवाब मिल रहा कि बजट मिलते ही राशि जारी की जाएगी।
गली सफाई तक नहीं करवा पा रहे सरपंच
बारिश के इस मौसम में पंचायतों में सबसे ज्यादा समस्या मार्गो में कीचड़ की सामने आ रही। ग्रामीणों के द्वारा सरपंचों से लगातार सड़क मरम्मत की मांग की जा रही पर िस्थति यह है कि कीचड़ से सनी गलियों में सरपंच मुरुम तक नहीं डलवा पा रहे है। पहले भूपेश सरकार ने नरवा,गरवा,घुरवा,बाड़ी पर फोकस कर ग्राम पंचायतों के विकास पर ध्यान नहीं दिया वहीं अब भाजपा सरकार भी गांवों के विकास का अनदेखा करती नजर आ रही है।