छग साहित्य समिति का 25 वां साहित्य सम्मेलन रजत जयंती के रूप में वृंदावन सभागार सिविल लाइन रायपुर में संपन्न
प्रदेश के सभी 33 जिले में छतीसगढ के संस्कृति.तीज-त्यौहार एवं पर्यटन के मुताबिक परंपरानुसार किताब लिखना जरूरी है..बृजमोहन अग्रवाल
उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
रायपुर / प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति का 25 वां साहित्य सम्मेलन रजत जयंती के रूप में वृंदावन सभागार सिविल लाइन रायपुर में आयोजित किया गया 3 सत्र में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ प्रथम सत्र में सरस्वती वंदना के पश्चात "छत्तीसगढ़ी वाचिक परंपरा- बोली से भाषा तक" विषय पर विचार गोष्ठी हुई, प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक, कुलपति गोपालगंज बिहार,अध्यक्षता डॉ जे आर सोनी, संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ परदेसी राम वर्मा व डॉ विनोद वर्मा रहे। वक्ताओं में प्रमुख रूप से डॉ. सुखदेव राम साहू सरस रायपुर, श्री बलदेव राम साहू भिलाई,प्रोफेसर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किया। विचार गोष्ठी में यह विचार का सारांश आया कि छत्तीसगढ़ी में हिंदी व अन्य भाषा की मूल शब्दों को विकृत करके नहीं लिखना है अन्यथा नहीं पीढ़ी को भ्रम पैदा होगा, उसे मूल रूप में स्वीकार करना होगा। सत्र संचालन डॉ. राजेश कुमार मानस महासचिव ने किया आभार प्रदर्शन श्रीमती शकुंतला तरार उपाध्यक्ष ने किया।
यह रजत जयंती समारोह संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सुशील यदु की पुण्यतिथि के अवसर पर किया गया जिसके दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय श्री बृजमोहन अग्रवाल सांसद रायपुर लोकसभा, कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय राजे श्री डॉ. महंत रामसुंदर दास पीठाधीश्वर श्री दूधाधारी मठ रायपुर रहे, विशेष अतिथि के रूप में डॉ. अभिलाषा बेहार सचिव राजभाषा आयोग रहे। इस अवसर पर सुरता सुशील यदु के रूप में स्मारिका का विमोचन हुआ साथ ही डॉ राजेश कुमार मानस की दो पुस्तक अंतस के पीरा और जिंदगी के रंग, श्रीमती शकुंतला तरार के सात लर के करधन, डॉक्टर कमल वर्मा की कमल पुष्पांजलि, डॉक्टर जय भारती चंद्राकर की सुवा के गोठ, अशोक पटेल की दो पुस्तक व गजपति राम की पुस्तक का विमोचन हुआ। छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य संस्कृति के लिए जीवन समर्पित करने वाले स्वर्गवासी साहित्यकार की याद में वरिष्ठ साहित्यकार व कलाकार को सम्मान दिया गया जिसमें हरि ठाकुर सम्मान डॉक्टर के आर सोनी रायपुर, सुशील यदु सम्मान श्रीमती चमेली नेताम बस्तर, डॉ. बलदेव साव सम्मान श्री यशवंत धोटे रायपुर, केयूर भूषण सम्मान डॉ.आशीष नायक धमतरी, लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान श्री सनत तिवारी बिलासपुर, नारायण लाल परमार सम्मान श्री बलदेव राम साहू दुर्ग, मिथलेश साहू सम्मान डॉ जगदीश कुलदीप चकरभाठा, हेमनाथ यदु स्मृति सम्मान श्री ताम्रध्वज वर्मा खैरागढ़, राकेश सोनी स्मृति सम्मान श्री ओम त्रिपाठी, शिवकुमार यदु शिकुम स्मृति सम्मान डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकार रायपुर, पंडित अमृतलाल दुबे स्मृति सम्मान श्री बुधराम यादव बिलासपुर को दिया गया साहित्य वह कला सम्मान डॉ सरोज साहू पिथौरा, डॉ अग्रसेन कन्नौजे बिल्हा, डाॅ रामनारायण धुर्वे मुंगेली, श्री ईश्वर साहू बंधी, श्री भोजराज धनगर रायपुर को दिया गया द्वितीय सत्र का संचालन अध्यक्ष कान्हा कौशिक व श्री केशव साहू द्वारा किया गया आभार प्रदर्शन डॉ. राघवेंद्र दुबे द्वारा किया गया तृतीय सत्र में कवि सम्मेलन पहुना कवियों के द्वारा किया गया जिसमें प्रदेश के सभी क्षेत्र से आए हुए कवियों ने भागीदारी निभाई तीसरे सत्र का संचालन रामानंद त्रिपाठी वह अजय साहू अमृतांशु द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के सभी जिले से आए साहित्यकार उपस्थित हुए थे जिसमें प्रमुख रूप से श्री इंद्रदेव यद,राजा राम रसिक, मनोहर दास मानिकपुरी,अरुण कुमार निगम, मनोज कुमार सोनवानी मन्नू लाल यदु, डाॅ. मुक्ता कौशिक, डॉ इकबाल खान तन्हा, रुपेश तिवारी, मीर अली मीर, चेतन भारती, सीताराम साहू श्याम, बंधु राजेश्वर खरे,डॉ.विवेक तिवारी,डाॅ रामकुमार बेहार, स्वामी राम बंजारे,डाॅ.मीता अग्रवाल,गोकुल राम बंजारे, डॉ.मृणालिका ओझा,दिनेश चौहान,डॉ जय भारती चंद्राकर, वीरेंद्र सरल, ऋतुराज साहू, तुकाराम कंसारी,विकास यदु,गोविंद धनकर राजेंद्र कुमार पांडे, डॉ भारती अग्रवाल, सुमन शर्मा और वरिष्ठ व युवा साहित्यकार उपस्थित थे। कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रदेश अध्यक्ष कान्हा कौशिक के द्वारा सभी साहित्यकारों को धन्यवाद देकर आभार प्रकट किया।