देवी मां पार्वती की भगवान शिव के प्रति समर्पण ही तीजा पर्व का अध्यात्मिक रहस्य है.. ब्रम्हाकुमारी दिपीका बहन
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेलरगांव में तीजा का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया
उत्तम साहू
नगरी/ बेलरगांव सेंटर में तीजा का त्योहार बड़े ही उमंग उत्साह के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, इस मौके पर ब्रम्हाकुमारीज के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में माताएं उपस्थित थे, तीज पर्व में शामिल माताओं ने शिव लिंग पर बेल पत्र और पुष्प अर्पण कर पूरे विधी विधान से पूजा अर्चना किये, तत्पश्चात बी के दीपिका बहन ने तीजा के आध्यात्मिक रहस्य के बारे में बताते हुए कहा कि भगवान शिव के प्रति देवी पार्वती की गहरी भक्ति से जुड़ी हुई है। राजा हिमवान की पुत्री पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की, हालांकि,उनके पिता चाहते थे कि उनका विवाह भगवान विष्णु से हो। इसे रोकने के लिए, पार्वती की एक करीबी सहेली उन्हें जंगल में ले गई, जहाँ वह बिना किसी बाधा के अपना तपस्या जारी रख सकें।अपनी अटूट भक्ति के कारण, पार्वती के समर्पण ने अंततः भगवान शिव को प्रभावित किया,और वे उनके सामने प्रकट हुए, उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
तीज का त्योहार देवी पार्वती के दृढ़ संकल्प की कहानी शक्ति और भक्ति का प्रतीक है, इस घटना को हरतालिका तीज त्योहार की उत्पत्ति माना जाता है, तीज पर महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं, प्रार्थना करती हैं और अपनी पूजा के हिस्से के रूप में व्रत कथा (पवित्र कहानी) सुनाती हैं। यह एक ऐसा दिन है जो देवी पार्वती के समर्पण और दृढ़ संकल्प का जश्न मनाता है, जिनकी भगवान शिव के प्रति भक्ति को इस अनुष्ठान के माध्यम से सम्मानित किया जाता है। हर तालिका तीज के दिन महिलाएं एक समृद्ध विवाहित जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं, जैसे पार्वती को भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया था। इसके पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं को बाबा के घर का सौगात दिया गया, इस अवसर पर बी के मुलेश्वरी बहन,बी के सत्या बहन,एवं सेंटर के भाई बहन उपस्थित थे।