शासकीय अस्पताल में 25 सितंबर को रात्रि में हुए घटना पर आया नया मोड़..नगरी पुलिस सवालों के घेरे में
उत्तम साहू
धमतरी / नगरी के सिविल अस्पताल में विगत 25 सितंबर को रात्रि में कुछ असामाजिक तत्वों ने ईलाज कराने के बहाने से अस्पताल पहुंचे थे, जहां पर इन युवकों ने ड्यूटी में तैनात महिला कर्मचारी से दुर्व्यवहार किया और कोलकाता जैसे कांड यहां भी करने की धमकी दिए, दूसरे दिन पूरा अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी पुलिस थाने पहुंचे थे और इसकी शिकायत किया,घटना की खबर मिडिया में चलने के बाद नगर सहित पूरे क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई, लोगों के बीच इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई, इसके बाद घटना में क्या कार्रवाई होती है इसमें नजर बनाए हुए हैं, जब इसकी पड़ताल किया गया तो घटना में एक नया मोड़ आ गया है, नगरी पुलिस का कहना है कि जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है जिस पर अपराध दर्ज हो।
सुलगते सवाल जिसका जवाब नहीं
अब सवाल उठता है की क्या अस्पताल प्रशासन 26 सितंबर को थाने में फोटो खिंचवाने गया था ? बीएमओ के द्वारा मिडिया में दिया गया बयान सब झूठ है ? क्या अस्पताल प्रबंधन पर किसी व्यक्ति का दबाव है जो मीडिया में बयान देने के बाद भी अब चुप्पी साध लिया गया है ? क्या नगर में भय का माहौल बनाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया था ? ऐसे कई ज्वलंत सवाल है जिसका कोई जवाब नहीं मिल रहा है, अस्पताल में जिन कर्मचारियों पर दुर्व्यवहार हुआ है उस पर पुलिस में बयान नहीं देने का दबाव बनाया गया है, कौन है वह व्यक्ति जो नगरी के शांत फिजा में जहर घोलने का काम कर अपराधियों को बचाने का कार्य कर रहा है ? इसका खुलासा होना चाहिए। अगर इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई नहीं होगी तो अपराधियों का हौसला बुलंद होगा और किसी दिन इनके द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता हैं।
पुलिस का कहना है कि घटना के समय ड्यूटी कर रही स्वास्थ्य कर्मचारी बयान देने तैयार नहीं है जिसके कारण पुलिस अस्पताल में ऐसी कोई घटना होने से इंकार किया है, और आंशका व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सब रात्रि कालीन पुलिस सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया है, जो बेहद ही बचकाना और हास्यपद लगता है, अगर अस्पताल प्रबंधन को नाईट में सुरक्षा चाहिए तो वे सीधे अपने उच्च अधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन से मांग कर सकते हैं, इस प्रकार के आडंबर क्यों किया गया ? नागरिकों के बीच में चर्चा हो रही है कि इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होना चिंता का विषय है, उन्होंने मांग की है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई किया जाए। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भुमिका संदिग्ध नजर आ रहा है जिसका खुलासा होना जरूरी है,