नगरी में फटाखों का अवैध भंडारण..स्थानीय प्रशासन और पुलिस की अनदेखी
फटाका दुकानों में विस्फोटक अधिनियम की उड़ाई जा रही है धज्जियां
पटाखा गोदाम के बिना सत्यापन के नौ वर्ष से निरस्त हो चुके फटाका लाईसेंस का नवनीकरण
उत्तम साहू, दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
नगरी / दीपावली पर्व पर नगरी नगर के हाई स्कूल मैदान में 34 अस्थाई फटाका दुकान लगाया जा रहा है, इन दुकानों में विस्फोटक अधिनियम और शासन के गाईड लाईन का खुला उलंघन किया जा रहा है, बता दें कि पटाखा दुकानों का नवीनीकरण प्रतिवर्ष कराना होता है लेकिन यहां पर एक व्यक्ति के द्वारा 9 वर्ष तक लाइसेंस के नवीनीकरण नहीं कराया था, लेकिन इस वर्ष 9 साल का एकमुस्त 5400 रुपए का चालान टैक्स बैक में पटाकर अनुविभागिय अधिकारी राजस्व के कार्यालय में जमा करा दिया, इसके बाद उक्त व्यक्ति के लाईसेंस को नवीनीकरण कर दिया गया है, जबकि पटाखा गोदाम का कहीं अता-पता नहीं है।
गौर करने वाली बात है कि जो व्यक्ति विगत 10 वर्षों से धमतरी में रह रहा है और वहां का निवासी बन गया है, ऐसे व्यक्ति का फाटाखा गोदाम का सत्यापन किए बिना ही लाइसेंस का नवनीकरण करना समझ से परे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियम विरुद्ध लाइसेंस को नवीनीकरण कर दिया गया है, नियमत:जो लाइसेंस निरस्त हो चुका है उसे पुनः शासन के नये आदेशानुसार ऑनलाइन नया लाइसेंस बनाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और ऑफलाइन टैक्स पटाकर नवीनीकरण कर दिया गया है जो विस्फोटक अधिनियम के विरुद्ध है,,
दूसरे के लाइसेंस में चला रहे हैं पटाखा दुकान
दीपावली पर्व में अस्थाई रूप से लगने वाली पटाखा दुकान के लाइसेंसधारी हाई स्कूल मैदान पर दुकान लगाते हैं, जिस पर तकरीबन 8 से 10 फाटाखा दुकानदार ऐसे हैं जो दूसरे के लाइसेंस में व्यवसाय करते हैं। कई दुकानदार तो अपने रिश्ते दार बताके दुकान में बैठा कर लाईसेंस का दुरुपयोग कर रहे हैं,और यह सिलसिला चलते आ रहा है, अगर प्रशासनिक अमला के द्वारा जांच किया जाए तो मामले का खुलासा हो जाएगा,
विस्फोटक अधिनियम और शासन की एडवाइजरी का उलंघन
शासन के द्वारा जारी एडवायजरी के अनुसार पटाखा दुकान में किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा,बांस तत्व इत्यादि का न होना, प्रत्येक फटाखा दुकानों में 200 लीटर पानी का ड्रम, रेत,एवं सीजफायर रखना अनिवार्य है, प्रत्येक दुकानों की दूरी तय किया गया है जिसमें एक दूसरे से तीन मीटर की दूरी बनाकर दुकान लगाना है, और दुकानों के निर्माण में टीनसेड लगाना अनिवार्य है, लेकिन यहां के फटाका व्यवसाईयों के द्वारा इस नियमों का खुलेआम उलंघन करते हुए देखा जा सकता है, शासन-प्रशासन के गाईड लाईन को स्थानीय पुलिस और प्रशासन के द्वारा अनदेखा किया जा रहा है, अगर कोई अनहोनी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा..? यह बड़ा सवाल है।
उल्लेखनीय है कि पूरे नगरी सिहावा क्षेत्र के गांव में नियम विरुद्ध किराना दुकानों के साथ ही हाट बाजार में फटाका का करोबार किया जाता है, प्रमुख रूप से सांकरा,घठुला,फरसिंया,अमाली, डोंगरडुला,बिरगुडी,दुगली,सेमरा,सिहावा,गोरेगांव,में अवैध रूप से किराना दुकानों में फटाखा बेचा जा रहा है,