पंचमी पर मां महामाई फरसियां में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
642 मनोकामना ज्योत प्रज्वलित
चमत्कारिक है गर्भगृह में स्थित महामाई का शक्तिपीठ...
उत्तम साहू
नगरी/फरसियां- सर्वधर्म तीर्थ स्थल 16 पाली महामाई फरसियां में शारदीय नवरात्र में पंचमी पर्व में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।पंचमी पर्व में महामाई माँ का विशेष पूजा अर्चना कर श्रृंगार समर्पित किया गया।शारदीय नवरात्र पर्व में छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के भक्तों ने मंदिर में 642 मनोकामना ज्योत जलाए है।प्रतिदिन माता के सेवा में आसपास के विभिन्न सेवा मंडली माता के दरबार में सेवा भजन का प्रस्तुति देते है।समिति के अध्यक्ष जवाहर लाल मरकाम ने बताया कि माता के दरबार में हजारों भक्त प्रतिदिन अपनी मनोकामना लिए दर्शन करने आते है जिसे माँ महामाई का आशीर्वाद सदैव मिलता है और सबकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यहाँ के चमत्कारी कुंड के जल से कई असाध्य बीमारियों का ईलाज हो चुका है,कई निःसंतान दंपतियों को संतान सुख का लाभ मिल चुका है। प्रतिदिन भक्तों के लिए 24 घंटे भंडारे की व्यवस्था भोजन दानदाताओं के सहयोग से समिति द्वारा संचालित होती है। 16 पाली समिति ले अध्यक्ष जवाहर लाल मरकाम,महासचिव नीरज सोन,प्रयागराज बिसेन,गजानंद कश्यप,हरचंद साहू,दीनदयाल ग्वाले,राधेलाल ध्रुव,राधेश्याम साहू,माधुरी कश्यप,सोमनाथ सोम,चंद्रहास यादव,अरुण प्रजापति,यशवंत साहू,नीलकमल शर्मा,कन्हाई ध्रुव,रेखाराम साहू,ताराचंद साहू,पुनीत राम शांडिल्य,जोहन राम नेताम,खेमसिंग चनाप,राजेन्द्र तारम,हीरा सिंह ध्रुव,घनश्याम ध्रुव,गन्नूराम यादव,गोपाल ध्रुव,खेदूराम साहू,राजेश कुमार,अर्जुन सिंह पहारिया एवं अन्य सभी सदस्य नवरात्रि के दौरान व्यवस्था बनाने में अपना सहयोग प्रदान कर रहे है।
चमत्कारिक है गर्भगृह में स्थित महामाई का शक्तिपीठ
समिति के महासचिव नीरज सोन एवं मीडिया प्रभारी कैलाश सोन ने बताया की प्राचीन समय में मंदिर में एक बाबा रहते थे जो अपने लिए एक एक छोटे से पात्र में खाना बनाते थे जिसका अन्न कभी कम नही होता था,बाबा जी के अन्न ग्रहण करने के बाद जो भी श्रद्धालु आते थे उनके लिए भी भोजन अक्षय पात्र की तरह कभी कम नही होता था।वर्तमान में गर्भगृह में स्थित महामाई का शक्तिपीठ एकमात्र मंदिर के रूप विद्यमान थी जिसमे कुछ समय बाद शक्तिपीठ में प्राकृतिक रूप से दरार आने शुरू हुए और उसमें माता का स्वरूप दिखना शुरू हो गया। माता के दिव्य शक्तियों के कारण नवरात्रि में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।