नशा मुक्त समाज बनाने,युवा राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम नयापारा
नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है.. ब्रह्मकुमारी दीपिका बहन
कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी बहनों को श्रीफल और शील्ड भेंट कर सम्मानित किया गया
उत्तम साहू
धमतरी/नगरी - दिनांक 23.10.2024 बेलरगांव हाई स्कूल के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के द्वारा नशा मुक्त समाज बनाने के लिए पहल करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत ग्राम नवापारा में सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया है, शिविर में प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज सेंटर बेलरगांव के भाई बहनें भी अपने उपस्थिति प्रदान किए, इस दौरान दीपिका बहन ने शिविर में उपस्थित भाई बहनों को अपने दिव्य संबोधन में कहा कि नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है। सरकार इन पीड़ितों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है। जहां तक मानना है व्यसन का दरिया सिर्फ नशीली पदार्थ का नहीं व्यसन का दायरा बहुत बड़ा है व्यसन एडिशन का अर्थ यही होता है जो सभी तरह के काम चाहे खाने पीने से जुड़ा हुआ हो चाहे व्यवहार से या स्वयं के बिहेवियर से जुड़ा हुआ हो जिसमें इंसान का चेतन मन कॉन्शियस माइंड नहीं चाहता फिर भी वह इंसान करते चला जाता है ऐसा लगता है, जैसे चेतन मन नहीं चाहते हुए भी मजबूरन जोर देकर कराया जा रहा है। वैसे सारा कार्य जिसमें करने वाले की कोई इच्छा नहीं होने के बावजूद उन्हें कराया जाता है उस कार्य को हम एडिशन कहते हैं आदत व्यसन लत कहते हैं वे इंसान मजबूर हो जाता है ना चाहते भी करते चला जाता हैं जब व्यसन की बात होती है तो हम उसकी दायरे को संकुचित ना करें सिर्फ मदिरापान का व्यसन धूम्रपान का व्यसन या किसी ड्रग्स का व्यसन या नशीली पदार्थ का व्यसन यह बातें सीमित नहीं है व्यसन वे सभी है जब इंसान ना चाहते हुए भी क्रोध में उतरता है बुद्धि कहता है क्रोध करना गलत बात है धर्म ग्रंथ पुस्तक ज्ञानी जन भी कहते हैं क्रोध करना गलत बात है क्रोध करना अच्छी बात नहीं है फिर भी इंसान क्रोध में उतरते चला जाता है लेकिन क्रोध नहीं करना चाहता हूं लेकिन पता नहीं मेरे से क्रोध हो ही जाता है जब कोई इंसान ऐसा चीज देखता है जो उसको बहुत पसंद आता है उसके प्रति लालच और उसे पाने की कामना प्राप्त हो जाती है ना चाहते हुए भी उसके मन में बेईमानी के भाव उत्पन्न होने लगता है वह कहता है मैं नहीं चाहता फिर भी मेरे से ऐसे हो जाता है यह एक तरह का व्यसन है।
इस मौके पर संस्था के वरिष्ठ भाई रतिराम ने कहा कि व्यसन से मुक्त होने के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में प्रतिदिन मेडिटेशन सिखलाया जाता है।जो निःशुल्क चलता है तो आप लोग भी प्रतिदिन मेडिटेशन करेंगे तो आप सब भी इससे मुक्त हो सकते है, इसके पश्चात मूलेश्वरी बहन ने मेडिटेशन कराया साथ ही सभी को नशामुक्ति का शपथ दिलाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित रतिराम भाई बीके मुलेश्वरी बहन बीके दीपिका बहन श्री सुरेन्द्र कुमार नेताम कार्यक्रम अधिकारी,एस आर राजपूत,नूतन सिन्हा , इतेंद्र कोर्राम, श्रीमती भारती साहू, एम एन साहू, एम एल टैगोर, गोविंद सोरी, ईश्वर दास मानिकपुरी, भागी राम साहू, नाथू लाल ध्रुव सहित शिविरार्थियों की उपस्थिति रही।