धमतरी जिले में क्रेशर पत्थर खदान संचालकों के द्वारा विस्फोटक अधिनियम की उड़ाई जा रही है धज्जियां
कलेक्टर से बिना परमिशन के पत्थर खदानों में किया जा रहा है विस्फोटक का उपयोग
उत्तम साहू
धमतरी/ धमतरी जिला के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित 19 स्टोन क्रेशरों और खदानों में किए जा रहे खनन कार्यों में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। लीज होल्डरों की यह लापरवाही कभी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। हालत यह है कि अधिकांश खानाें में बिना बेंचिंग के ही असुरक्षित रूप से खनन कार्य किया जा रहा है। इन खदानोें में से निकलने वाला मलबा भी निर्धारित स्थानों पर नहीं डाला जा रहा है, इसके साथ ही खदानों में कार्य कर रहे मजदूरों के पीने का पानी और शौचालय की सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खान सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले की 19 विभिन्न खदानों में स्टोन क्रेशरों का संचालन हो रहा है, जहां पर अवैधानिक रूप से बारुद उपयोग करके ब्लास्टिंग किया जा रहा है, जबकि इन खदान संचालकों को नियमानुसार जिला दंडाधिकारी से विस्फोटक उपयोग करने की अनुमति लेकर ही विस्फोटक उपयोग किया जा सकता है, और प्रत्येक तीन माह में किए गए विस्फोटक की जानकारी जिला दंडाधिकारी एवं पुलिस सुपरिटेंडेंट को देना होता है, लेकिन जिले में ऐसा नहीं है रहा है और नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से खदानों में विस्फोटक का उपयोग किया जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जब धमतरी कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया तो कलेक्टर ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया और एक लाईन में कहा कि समाचार छाप दो, इससे पता चलता है कि एक वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारी भी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ रहे हैं,
बता दें कि जिले में 19 पत्थर खदान संचालित हो रहा है, इन खदानों में क्रेशर प्लांट संचालकों के द्वारा विस्फोटक अधिनियम का खुला उलंघन करते हुए कहीं भी और कभी भी विस्फोटक उपयोग किया जा रहा है जो नियमों के विरुद्ध है, जब इसकी पड़ताल की गई तो यह बात निकलकर सामने आई है,
उल्लेखनीय है कि पत्थर खदान संचालकों को खदानों में विस्फोटक करने से पहले जहां पर विस्फोटक करना है उस भूमि का खसरा नंबर सहित जिला दंडाधिकारी से विस्फोटक उपयोग करने के लिए अनुमति प्राप्त करना होता है लेकिन जिले में संचालित इन खदान संचालकों के द्वारा कलेक्टर के बिना अनुमति के धड़ल्ले से विस्फोटक का उपयोग किया जा रहा है, इसके बाद भी इन पत्थर खदानों पर जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है जबकि यह होना चाहिए कि इन खदान संचालकों को विस्फोटक उपयोग करने से पहले जिला दंडाधिकारी से अनुमति लेकर ही विस्फोटक उपयोग करना है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है,
ब्लास्टिंग के लिए बारूद कहां से आता है..? भंडारण की जांच हो!
पत्थरों में यूज होने वाली ब्लास्टिंग के लिए बारूद कहां से आता हैं, स्टाक रूम कहां है, कुछ पता नहीं है। अवैध बारूद से कभी भी बड़ी घटनाएं घट सकती है। जिले में बेखौफ ड्रिल मशीन लगाकर सुरंग बनाकर ब्लास्टिंग कराई जा रही है। पत्थर खदानों के लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सरकारी गाईड लाईन का पालन करना जरूरी होता है जैसे विस्फोटक उपकरण के लिए खदानों में तकनीकी कर्मचारी,सुरक्षा उपकरण,बिना बेंचिंग के ही खनन कार्य,श्रमिकों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी,सूचना पट्टिका, हेलमेट,वृक्षारोपण सहित मजदूरों को भुगतान व उपस्थिति का रिकॉर्ड रखना होता है लेकिन जिले में इसका पालन नहीं हो रहा है।