जनता के बीच स्वच्छ और बेदाग छवि वाले नये चेहरे को टिकट देने..नगरवासीयों की मांग
जनता ने जिसे भी नगर पंचायत का सत्ता सौंपा उसने जी भर कर जनता को लूटा
नगर विकास के नाम पर भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भरने में लगे रहे जनप्रतिनिधि
उत्तम साहू, दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
नगरी/ छत्तीसगढ़ में नगरी निकाय और नगर पंचायत चुनाव के सभी पदों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है 15 जनवरी के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है अब ऐसे में दोनों पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने वाले इच्छुक प्रत्याशी अपनी अपनी दावेदारी पेश करने में लग गए हैं चाहे वह मीडिया के माध्यम से हो या अपने पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क करने में, सभी लोग अपना गोटी बिठाना शुरू कर दिया है।
नगर पंचायत नगरी के अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त होते ही नगर में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है नगर की सत्ता में हुकूमत करने दर्जनों दावेदार अपनी दावेदारी को लेकर आगे आ गये हैं, इस कयास के आधार पर अभी से ही दावेदारों की फेहरिस्त तैयार होने लगी है, भाजपा और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार भीतर ही भीतर टिकट की दावेदारी का दम दिखाने लगे हैं, सबसे ज्यादा उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी में हैं, क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है, नगर वासियों के बीच में चर्चा छिड़ गया है कि इस बार पुराने चेहरे को हटाकर किसी साफ सुथरी और बेदाग छवि के नए उम्मीदवार को टिकट दिया जाए, ताकि नगरी नगर का ईमानदारी से विकास हो और भ्रष्टाचार मुक्त हो,
बता दे की ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनने के बाद जनता ने जिसे भी अपना वोट रुपी प्यार देकर सत्ता की कुर्सी पर बिठाया वहीं व्यक्ति जनता के विश्वास को तोड़ा और नगर विकास के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार करने में लगे रहे,
यहां बताना लाजिमी होगा कि नगरी नगर के विकास को गति देने वर्ष 2008 में ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा दिया गया लेकिन दुर्भाग्य यह है कि नगर पंचायत में ऐसे लोगों ने प्रतिनिधत्व किया जो नगर विकास की आड़ में जमकर भ्रष्टाचार करके अपने जेब भरने में लगे रहे, सत्ता मिलने के बाद नगर विकास की बात को नजरंदाज कर जनता से किए वादे भूल जाते हैं,भ्रष्टाचार करने के लिए मनमाने ढंग से कार्य योजना बना कर खुल्लमखुल्ला भ्रष्टाचार करने में लगे रहे , नगर विकास के पैसे और जनता से लिए गए टैक्स की राशि को फर्जी बिल लगाकर निकाल लिया जाता है,और सिर्फ कमीशन खोरी करने नियम विरुद्ध कार्य किया गया है, इसका पुख्ता प्रमाण गुढियारी और गायत्री मंदिर के पास बनाए गए 18 काम्प्लेक्स है।भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से करोड़ों का खर्च किया गया है जिसका अस्तित्व आज समाप्त हो चुका है
नगर पंचायत में चुने हुए जन प्रतिनिधि नगर विकास के बारे में तो सोचते ही नहीं है इतना जरुर सोचते हैं कि जेब को कैसे भरा जाए इसलिए व्यर्थ का कार्य योजना बना कर करोड़ों रुपया खर्च कर दिया हैं, ऐसे कई कार्य है जिसका अस्तित्व आज पूरी तरह से समाप्त हो चुका है
भ्रष्टाचार कैसे हुआ है हम आपको बताते चलें कि वार्ड क्रमांक 2 नागेंद्र शुक्ला के घर से नगरा नाला तक नाली निर्माण हुआ है जिसका लागत राशि 35 लाख रुपए, हाई स्कूल ग्राउंड में नाली निर्माण 15 लाख की लागत से, 20 लख रुपए की नाली निर्माण किया गया जो सिंधी मिल के अंदर से किया गया था, जिसका अस्तित्व समाप्त हो चुका है, इसी तरह और कई कार्य हुआ है जो फाइलों में दब कर रह गया है। ऐसे में नगर वासियों का कहना है कि अगर नगर विकास के लिए विकास के प्रति सोच रखने वाले स्वच्छ और बेदाग छवि के नए चेहरे को प्रत्याशी बनाया जाए,
नगर की जनता ने नगर पंचायत के सत्ता में जिसे भी बिठाया वह सिर्फ कमीशन खोरी और भ्रष्टाचारी करने में ही लिप्त रहा, जनता के दुख सुख और नगर विकास से उनकी कोई सरोकार नहीं रहा जैसे कि गुढ़ियारी तालाब के पास में दुकान निर्माण कराया गया था, लेकिन आज की स्थिति में पूरी तरह जर्जर हो गया हैं, इसका यही मतलब निकालता है कि सिर्फ कमीशन खाने के लिए ही यह दुकान का निर्माण कराया गया था, दूसरा गायत्री मंदिर के पास 18 कांप्लेक्स बनाया गया है लेकिन अधूरा है, इन दुकानों का निर्माण सिर्फ कमिशन खाने के लिए बनाया गया,दुकान अब जर्जर होने की स्थिति में आ गई है, नगर पंचायत के पदाधिकारी को सिर्फ अपने कमिशन से मतलब है, इसका कई उदाहरण नगर में देखने को मिल जाएगा।