सीएम साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, जानिए फैसलों के बारे में….

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 सीएम साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, जानिए फैसलों के बारे में….




रायपुर/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

 मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-2025 के तृतीय अनुपूरक अनुमान का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 मंत्रिपरिषद द्वारा बजट अनुमान वर्ष 2025-2026 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के किसानों को नवीन उन्नत किस्मों और गुणवत्ता युक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार क्रय नियम-2002 के नियम 4 में छूट प्रदत्त संस्थाओं की सूची में विस्तार करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत सर्वप्रथम बीज का उपार्जन बीज निगम द्वारा राज्य के पंजीकृत बीज उत्पादक किसानों से किया जाएगा। इसके पश्चात आवश्यकता की पूर्ति के लिए राज्य की बीज उत्पादक सहकारी समितियों, भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बीज उत्पादन करने वाले उपक्रमों, नाफेड, म.प्र. बीज महासंघ की समितियां, भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी के रूप में चयनित संस्थाओं को बीज निगम द्वारा जारी ऑफर लेटर में से न्यूनतम मूल्य प्रस्तुत करने वाली संस्था या एजेंसी से किया जाएगा।

 छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 छत्तीसगढ़ के षष्ठम् विधान सभा के पंचम सत्र माह फरवरी-मार्च 2025 हेतु माननीय राज्यपाल महोदय के अभिभाषण का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया।

 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर किसानों से उपार्जित धान की शेष राशि का भुगतान करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ को स्वीकृत अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति राशि 3300 करोड़ रूपए की अनुमति का अनुमोदन किया गया।

 मंत्रिपरिषद द्वारा बैंक गारंटी से संबंधित विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की दरों के निर्धारण के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

 मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय वन सेवा के 30 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण कर चुके 1992 से 1994 बैच तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ अधिकारियों को गैर कार्यात्मक (Non-functional) आधार पर यथास्थान (In situ) प्रधान मुख्य वन संरक्षक के समकक्ष स्केल प्रदाय करने हेतु आवश्यक पद सृजन का निर्णय लिया गया।


 


 


 

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