मजदूर पिता और मां के सपनों को बेटी ने दी उड़ान..छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्नि वीर बन गई

 मजदूर पिता और मां के सपनों को बेटी ने दी उड़ान..छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्नि वीर बन गई 




गरियाबंद/ जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी में रहने वाले मजदूर हीरालाल यादव की बेटी फामेश्वरी न केवल गरियाबंद की, बल्कि प्रदेश का गौरव बन गई है. 24 मार्च को घोषित अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) भर्ती का परिणाम में पास होने वाली फामेश्वरी छत्तीसगढ़ की पहली महिला है.

फामेश्वरी की सफलता एक कहानी के हकीकत में तब्दील होने का सबूत है. मजदूरी कर परिवार चलाने वाले हीरालाल के दो बेटों के बाद सबसे छोटी बेटी है फामेश्वरी. राजीव लोचन कॉलेज में बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा फामेश्वरी के बुआ का बेटे और गांव का एक युवक अग्निवीर हैं, जिनकी वर्दी देखकर कर उसमें भी जुनून पैदा हुआ और अग्निवीर बनने की ठान ली. मजदूर पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग दिला सके. लिहाजा, मजदूरी पर जाने से पहले बेटी को दौड़ना और फिजिकल एक्टिविटी खुद कराने लगे. आज परिणाम सामने है.


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