वन विभाग के पीसीसीएफ कर रहे अपने अधिकारों का दुरुपयोग..? वन कर्मचारी आंदोलन में जाने हेतु बाध्य

 वन विभाग के पीसीसीएफ कर रहे अपने अधिकारों का दुरुपयोग..? वन कर्मचारी आंदोलन में जाने हेतु बाध्य

सरकार की अनदेखी के चलते वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के हितों का नुकसान


उत्तम साहू, दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ पिछले कई वर्षों से सरकार के समक्ष अपनी जायज़ मांगों को रखता आया है सरकार के वन मंत्री उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील है और पूर्व के पीसीसीएफ भी संगठन की मांगो एवं समस्याओं को गंभीरता से लेते थे परंतु वर्तमान पीसीसीएफ बारंबार अपने कर्मचारी विरोधी कार्यों से सुर्खियों में रहते है उनके द्वारा कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा मामला लघु वनोपज संघ में उप वनक्षेत्रपाल के प्रतिनियुक्ति के पदों पर पदोन्नति में रोड़ा अटकाने का है। वन विभाग के वर्तमान के पीसीसीएफ द्वारा कर्मचारियों से छल करते हुए उप वनक्षेत्रपाल के प्रतिनियुक्ति के 180 पदों को समाप्त करके उनके स्थान पर 180 सहायक प्रबंधक के संविदा पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। जिसका विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ पिछली गर्मियों में हड़ताल में जाने हेतु बाध्य हुआ था। हड़ताल के दौरान वन मंत्री के साथ संगठन की बैठक में 90-90 पदों पर समझौता किया गया एवं हड़ताल समाप्त कराया गया था। 

वर्तमान में सरकार के अड़ियल अधिकारियों द्वारा उस समझौते का सम्मान न करते हुए पदोन्नति को प्रभावित किया जा रहा है साथ ही वनपाल का पद जो कि 100% पदोन्नति का पद है उसमें नियमों का संशोधन करके वनपाल के 33% पदों पर सीधी भर्ती करने हेतु शासन से अनुमति चाही गई है जिससे वन कर्मचारियों में आक्रोश देखा जा रहा है। वन कर्मचारी अपनी वर्षों पुरानी मांग ग्रेड पे में सुधार एवं सेटअप की मांग बारंबार मांग करने के बाद भी पूर्ण नहीं होने से सरकार से नाराज है।आक्रोशित कर्मचारी अपने संगठन के बैनर तले हड़ताल में जाने हेतु बाध्य है।

वन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से वनों के साथ वन्य प्राणियों एवं मानव जीवन को कितना नुकसान है इसका आंकलन करना संभव नहीं है। वर्तमान समय में फायर सीजन चल रहा है, जंगलों में आग लग रही है। जंगलों में होने वाली अग्नि घटनाओं को इन्हीं बहादुर वन कर्मियों द्वारा बिना किसी संसाधन के काबू किया जाता है बुझाया जाता है। बेजुबान वन्य जीवो के रक्षकों के जंगलों में न रहने से उनका अवैध शिकार बढ़ जाता है, अवैध कटाई, अवैध खनन,अवैध अतिक्रमण करने वालों की चांदी हो जाती है।छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है तथा आंदोलन में जाने की तैयारी कर रहे है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !