डोंगरडुला में रामनवमी पर त्रिदिवसीय मानस सम्मेलन का आयोजन..30 मानस मंडलियों ने की शिरकत

 डोंगरडुला में रामनवमी पर त्रिदिवसीय मानस सम्मेलन का आयोजन..30 मानस मंडलियों ने की शिरकत



उत्तम साहू 

नगरी- ग्राम पंचायत डोंगरडुला में रामनवमी के अवसर पर राज्य स्तरीय तीन दिवसीय संगीतमय मानस सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश भर् के तीस से अधिक मानस मंडलियों ने शिरकत करके ग्राम वासियों को राम कथा का रसपान कराए । रामनवमी के दिन कार्यक्रम का समापन हुआ जिसके मुख्य अतिथि मुनेन ध्रुव जनपद सदस्य थे , विशेष अतिथि स्मृति नेताम सरपंच श्रीमती फुलेश्वरी नेताम पूर्व सरपंच ,पुष्पा मंडावी जनपद सदस्य ,मुकेश बघेल पूर्व उपाध्यक्ष , डोमार सिंह ध्रुव ब्लॉकअध्यक्ष कर्मचारी अधिकारी संघ ,रघुराम यादव ग्राम पटेल ,सुरेंद्र साहू उपसरपंच,रूपेंद्र ध्रुव सरपंच कल्लेमेटा,प्रताप साहू पूर्व उपसरपंच थे।इस दौरान समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथि डोमार सिंह ध्रुव ने कहा है कि इस गांव में अनवरत पंद्रह वर्षों से मानस सम्मेलन का आयोजन होना ग्राम की एकता को प्रदर्शित करता है।श्री राम हमारे जीवन के लिए आदर्श है उनकी त्याग,संयम ,सेवा का अनुशरण किया जाना चाहिए ।

मुकेश बघेल ने कहा है कि गांव के इस आयोजन से ग्राम वासियों में एकजुटता स्थापित होता है तथा हम सब को मिलकर गांव की व्यवस्था को बनाए रखना है।मुख्य अतिथि मुनेन ध्रुव ने कहा है कि रामचरितमानस सम्मेलन के आयोजन से हमें राम के आदर्शों को समझने मौका मिलता है हमें उनके गुणों का अनुकरण करना चाहिए। ध्रुव ने ग्रामवासियों की मांग पर अपनी निधि का सबसे पहले उपयोग इस ग्राम के लिए करने की बात कही है।जीवन बघेल अध्यक्ष ग्राम व्यवस्था समिति द्वारा आभार व्यक्त किया गया।इस कार्यक्रम का संचालन अनराज साहू एवं पेमंत साहू के द्वारा किया गया। तीन दिनों तक भंडारे की व्यवस्था अनिल वाधवानी,चंद्रहास साहू,एवं साहू पारा के लोगो के द्वारा किया गया था।इस दौरान तीन दिवसीय मानस सम्मेलन को सफल बनाने में ग्राम व्यवस्था समिति अध्यक्ष जीवन बघेल सचिव पुराणिक नेताम, कोषाध्यक्ष नरेंद्र साहू ,मनराखन साहू, श्यामलाल साहू धनीराम ध्रुव,लखन लाल साहू हेमनाथ साहू ,डमरू साहू,चिंताराम मंडावी,रोहित साहू, महेंद्र ध्रुव,निर्मल साहू ,देव कुमार साहू ,चंद्रहास साहू,जितेंद्र साहू, चतुर्भुज साहू,तासीराम यादव ,दीपक मरकाम,एमेंद्र देवदास तथा युवा संगठन,महिला संगठन सहित डोंगरडुला,चचानवाही, बेहड़ापारा,कोटाभर्रीवासियों का योगदान रहा है।

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