राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी को दी गई ब्रह्माकुमारीज द्वारा श्रद्धांजलि

0

 राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी को दी गई ब्रह्माकुमारीज द्वारा श्रद्धांजलि


उत्तम साहू 

नगरी/ 20 अप्रैल- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नगरी द्वारा राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज नगरी की संचालिका ब्रह्माकुमारी भावना बहन जी ने कहा कि दादी रतनमोहिनी जी यज्ञ की आधार स्तंभ थी, उनका योगयुक्त जीवन सबके किए प्रेरणादाई है,दादी जी निरंतर शिव बाबा की याद में रहती थी जिससे उनका जीवन हजारों भाई बहनों के लिए तपस्या की एक मिसाल बन गई। दादी जी यज्ञ के प्रति वफादार कर्मठ तथा एकानामी की अवतार थी।

दादी जी के संबंध ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने आगे बताया कि दादी जी का जन्म 25 मार्च 1925 को सिंध हैदराबाद में हुआ था घर में प्रथम पुत्री आने की खुशी में आपके माता पिता ने आपका नाम लक्ष्मी रखा। लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि कल की यही बेटी अध्यात्म और नारी शक्ति का जगमग सितारा बनकर सारे जग को रोशन करेगी। महज 13 वर्ष की आयु में वर्ष 1937 में ब्रह्मकुमारीज के संपर्क में आ गई थी।धीरे धीरे ज्ञान योग में उनकी लगन बढ़ती गई  इसके बाद अपने शिव बाबा का संदेश देने का कार्य प्रारंभ किया सन 1956 से 1969 तक आप मुंबई में सेवाएं प्रदान की। 

इस दौरान आप साकार ब्रह्मा बाबा के साथ 32 साल साथ रही। 50 हजार ब्रह्माकुमारी पाठशाला तथा 6000 सेवाकेंद्र खोले दादी जी की कुशल मार्ग दर्शन में आज भी संचालित है। आपने सन 1954 में जापान में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन में संस्थान का प्रतिनिधित्व किया था। आप संस्थान की युवा प्रभाग की अध्यक्ष भी थी। विगत 4 वर्षों से ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय माउंट आबू की मुख्य प्रशासिका थी आपके जैसे महान आत्मा का जाना हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।

ज्ञात हो कि ब्रह्माकुमारीज माउंट आबू की मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी जी ने विगत 8 अप्रैल को अपना नश्वर देह का त्याग कर शिव बाबा की गोद ली। इस अवसर पर उनका श्रद्धांजलि कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज नगरी के राज ऋषि भवन में 20 अप्रैल रविवार को प्रातः 8 बजे रखा गया था, इस अवसर पर संस्था के भाई बहनों ने पहुंचकर दादी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया।



 

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !