भ्रष्टाचार में लिप्त प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी का संरक्षण

 


भ्रष्टाचार में लिप्त प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी का संरक्षण 

मामला शास.उच्च.माध्य.विद्या.सांकरा में लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का



उत्तम साहू 

नगरी/ सांकरा उच्च माध्यमिक विद्यालय में लाखों रुपया का फर्जीवाड़ा करने वाली महिला प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी जगदल्ले का खुला संरक्षण मिला हुआ है, इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में किया गया था, जांच में पुख्ता प्रमाण मिलने के बावजूद आज तक उक्त प्राचार्य पर कोई कार्यवाही नहीं होना इसका प्रमाण है।

बता दें कि उक्त प्राचार्य ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए स्थानीय और शासकीय निधि से शाला विकास के नाम पर मिले राशि में 10 लाख रुपए का बंदरबांट किया है प्राचार्य के इस कृत्य से शिक्षा के मंदिर भी शर्मशार हो गया है ऐसे प्राचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं होने से उनकी हौसला बुलंद हैं।

             जानिए पूरा मामला 

सांकरा के प्राचार्य ने स्थानीय मद,P.B.F विज्ञान,क्रीडा एवं अन्य मद की राशि को जनभागीदारी एवं विकास समिति के बिना प्रस्ताव के खर्च करने का मामला सामने आया है,जबकि शासन के नियमानुसार पांच हजार रुपए से अधिक के राशि खर्च करने पर जन भागीदारी एवं विकास समिति का अनुमोदन अनिवार्य है तथा शासकीय राशि का व्यय क्रय समिति के माध्यम से किया जाना है लेकिन प्राचार्य ने इस नियमों का उलंघन किया है,अधिकांश राशि का व्यय केवल स्टेशनरी एवं सीसी टीवी कैमरा में खर्च किया गया है, गौर करने वाली बात है कि मॉनिटर व टीवी शासकीय प्रदाय से है फिर भी 51670 रुपए व्यय किया गया है जो इस फर्जीवाड़े को उजागर करता है,

इस प्रकार शासकीय व स्थानीय मद की अधिकांश राशि का व्यय स्वयं प्राचार्य के द्वारा मनमाने ढंग से किया गया है, जो प्राचार्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है,जनभागीदारी, विकास समिति, एवं क्रय समिति के बिना अनुमोदन के व्यय किया जाना अवैधानिक और नियमों के विरुद्ध है, ऐसे कार्यों से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में भ्रष्टाचार करना नीति निर्माण और योजना,स्कूल प्रबंधन,और शिक्षक आचरण को प्रभावित करता है। 

उपरोक्त जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत मिले आंकड़ों से वर्ष 2021-22 में शासकीय एवं स्थानीय मद से 7.95.765 रु कुल राशि इसी तरह वर्ष 2022-23 में 7.91.55 रुपए कुल टोटल राशि 15.86.820 रूपया होता है जिसमें से 5.80.490 रु खर्च किया गया है उपरोक्त जानकारी जन भागीदारी विकास समिति के प्रस्ताव व अनुमोदन के आधार पर व्यय की गई है, लेकिन शेष राशि 10.6.333 रुपए की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार किया गया है, प्राचार्य के द्वारा किए गए शिक्षा में भ्रष्टाचार भावी पीढी के लिए ख़तरा है, शिकायत और जांच में आरोप के पुष्टी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से जिला शिक्षा अधिकारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

समाचार में जिला शिक्षा अधिकारी श्री जगदल्ले का पक्ष रखने फोन लगाया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।






 




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