प्राथमिक शाला को बालक आश्रम में मर्ज करने का विरोध..ग्रामीणों ने बीईओ को सौंपा ज्ञापन
पालकों ने कहा आश्रम में पढ़ाने नहीं भेजेंगे अपने बच्चों को
उत्तम साहू
नगरी/ शिक्षक युक्तियुक्तकरण में एक और विसंगति का मामला सामने आया है। बालक आश्रम में प्राथमिक शाला को मर्ज करने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने बालक छात्रावास में अपने बच्चों को पढ़ाने भेजने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
बता दें कि नगरी विकासखंड के ग्राम पंचायत करैहा के आश्रित ग्राम आडमुड़ा के अनेक लोग सोमवार को बी.ओ.ऑफिस नगरी पहुंचे। ग्रामीणों ने लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक युक्तियुक्तकरण के तहत शासकीय प्राथमिक शाला आडमुड़ा को आदिवासी बालक आश्रम शाला करैहा में मर्ज किया गया है जो अनुचित है। आश्रम शाला आवासीय है और प्राथमिक शाला आवासीय नहीं है। दोनों का परिवेश, आचार-विचार, व्यवहार, रहन सहन, खानपान सब अलग होता है। शासन के नियम में स्पष्ट निर्देश है कि ग्रामीण इलाके में एक किमी से कम व 10 बच्चों से कम दर्ज संख्या वालीं-शालाओं को पास के स्कूल में मर्ज करना है। आडमुड़ा में बच्चों की दर्ज संख्या 28 है। उसके बावजूद मर्ज किया जाना नियम के विरूद्ध है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आडमुड़ा शाला को पुनः अलग से संचालित किया जाए अन्यथा पालकगण अपने बच्चों को आश्रम में पढ़ाने नहीं भेजेंगे।
ज्ञापन सौपने वालों में प्रमुख रूप से कांता कुंजाम, संजय निषाद, मंशाराम, रमेशकुमार, मदनलाल, परमानंद मरकाम, नरेंद्र रजक, सावन नेताम यशवंत मंडावी, उत्तम मरकाम, बृजलाल मंडावी, श्यामाचरण मंडावी, मनीष नेताम, नरोत्तम नेताम, अरूण मंडावी, गेवा यादव , गीतेश ध्रुव, राकेश नेताम , निखिल नेताम सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।