हरेली के दिन पर्यावरण मित्र सेना मौहाबाहरा द्वारा वृक्षारोपण कर दिया हरियाली का संदेश
पत्रकार उत्तम साहू नगरी
नगरी/ छत्तीसगढ़ के महापर्व हरेली तिहार छत्तीसगढ़ियों का प्रमुख त्योहारों में से यह एक पर्यावरणीय पर्व है, हरेली त्योहार खेती-किसानी के नए मौसम की शुरुआत को दर्शाता है। किसान इस दिन अपने कृषि उपकरणों जैसे हल, गैंती, फावड़ा आदि की पूजा करते हैं। इससे यह मान्यता जुड़ी है कि उपकरणों की पूजा से अच्छी फसल और समृद्धि होती है। "हरेली" शब्द का मतलब ही होता है "हरियाली"। जिसमें वृक्षारोपण करके हरियाली का संदेश दिया जाता है।
इस अवसर पर पर्यावरण मित्र सेना मौहाबाहरा द्वारा प्राथमिक शाला, ग्राम पंचायत और तालाब किनारे फलदार वृक्षारोपण किया गया। इस कार्यक्रम में फ़लेंद्र यादव, कामेश यादव, पोखन नेताम, धनराज सोरी, पप्पू यादव, नवीन नेताम और कमलेश यादव जैसे पर्यावरण मित्र सेना के सदस्य उपस्थित थे।
हरेली तिहार का उद्देश्य
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना- वृक्षारोपण के माध्यम से हरियाली बढ़ाना- जल संचयन और मिट्टी के कटाव को रोकना- जैव विविधता को संरक्षित करना
वृक्षारोपण के लाभ
- वातावरण को शुद्ध करना- जीव-जन्तुओं के लिए आवास प्रदान करना- जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करना,मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करना
इस तरह के आयोजनों से लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूक करने और उन्हें वृक्षारोपण में भाग लेने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलती है।

