शिव शक्ति राज मिस्त्री संघ द्वारा लिखमा घुटकेल में हर्षोल्लास से मनाया विश्वकर्मा जयंती

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शिव शक्ति राज मिस्त्री संघ द्वारा लिखमा घुटकेल में हर्षोल्लास से मनाया विश्वकर्मा जयंती 


               ‌उत्तम साहू नगरी / बोरई

शासन से पंजीयन क्रमांक 116314 के साथ मान्यता प्राप्त शिव शक्ति राज मिस्त्री संघ, लिखमा घुटकेल के तत्वावधान में विश्वकर्मा जयंती बड़े ही उत्साह और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजजन एकत्रित हुए और भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि, उन्नति और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।


🌸 विश्वकर्मा पूजा का महत्व


विश्वकर्मा जयंती को श्रम एवं निर्माण कार्यों के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। मिस्त्री समाज के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसे श्रम, कौशल और सृजन का प्रतीक माना जाता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संघ के सदस्यों ने पूजा-पाठ, दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण किया।

✨ संघ की भूमिका और गतिविधियाँ




कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार निर्मलकर, उपाध्यक्ष छबीलाल यादव, महासचिव नरेश कुमार कोसरे, कोषाध्यक्ष दिग्विजय साहू सहित संघ के वरिष्ठ सदस्य रघुनाथ ध्रुव, जोगेंद्र समरथ, प्रहलाद सिंह ध्रुव, लोकेश सूर्यवंशी, शत्रुघन यादव, हरिश्चंद्र नेताम, ताराचंद यादव, कंवल चक्रधारी, प्रेमलाल जगत, सियाराम, रोशन पटेल, नूतन ध्रुव, ईश्वरलाल, रामचरन मरकाम, रामसाय, सुभाष नेताम, भारत साहू, मोरध्वज, सन्तू मरकाम, घनश्याम नागवंशी, निरंजन सिंह सहित सभी सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि संगठन हमेशा श्रमिकों के हित और स्थानीय विकास के कार्यों के लिए तत्पर रहता है।


🎤 विशेष अतिथि का संबोधन


इस अवसर पर विशेष अतिथि जनपद सदस्य सोनराज वटटी ने मिस्त्री समाज को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि "भगवान विश्वकर्मा की कृपा से समाज में एकता और प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे।" उन्होंने संघ की एकजुटता और कार्य संस्कृति की सराहना की और भविष्य में समाज को और सशक्त बनाने का आह्वान किया।


🎉 उत्साह और आयोजन


पूरे आयोजन स्थल पर उत्साह और भाईचारे का वातावरण देखने को मिला। सभी सदस्यों ने मिलकर एक दूसरे को शुभकामनाएँ दीं और समाज की प्रगति के संकल्प लिए। कार्यक्रम के समापन पर सामूहिक भोजन का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और आपसी मेल-जोल से वातावरण और भी आत्मीय हो गया।



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