साय मंत्रिमंडल का ऐतिहासिक निर्णय, 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होगी धान खरीदी

 

साय मंत्रिमंडल का ऐतिहासिक निर्णय, 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होगी धान खरीदी

      6 से 7 दिन के भीतर किया जाएगा भुगतान



रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 हेतु छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।


राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से दिनांक 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक धान की खरीदी की जाएगी। किसानों को विक्रय उपरांत 6 से 7 दिन के भीतर भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया है।


धान विक्रय की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने हेतु 'तुंहर हाथ' मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे किसान अपनी सुविधा अनुसार टोकन प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, धान खरीदी के लिए ई-केवाईसी के माध्यम से भारत सरकार के एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन को अनिवार्य किया गया है। किसान 31 अक्टूबर 2025 तक पंजीयन करा सकते हैं।


डिजीटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है तथा ग्रामसभाओं में इसके डेटा का पठन-पाठन किया जा रहा है। खरीदी में पारदर्शिता एवं वास्तविक किसानों की पहचान हेतु बायोमैट्रिक आधारित खरीदी व्यवस्था लागू रहेगी। राज्य में 2739 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से समितियों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। खरीदी केन्द्रों में शून्य सूखत आने पर समितियों को 5 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। धान खरीदी हेतु आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।


प्रदेश में अवैध धान के आवक एवं रिसाईकलिंग पर रोक, तथा बेहतर मॉनिटरिंग के लिए पहली बार मार्कफेड कार्यालय में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा। जिलों में भी नियंत्रण कक्ष बनाए जाएंगे। सीमावर्ती राज्यों से धान की आवक रोकने हेतु जिलास्तर पर विशेष चेकिंग दल गठित किए जाएंगे। धान के परिवहन एवं उठाव की प्रक्रिया में भौतिक सत्यापन तथा मितव्ययता के निर्देश दिए गए हैं।

खाद्य विभाग, भारत सरकार द्वारा राज्य को खरीफ वर्ष 2025-26 हेतु केंद्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल आपूर्ति का लक्ष्य दिया गया है।

छत्तीसगढ़ शासन अपने किसानों के हितों और राज्य की खाद्य सुरक्षा के प्रति पूर्णतः संकल्पित है।



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