छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण
बीजापुर में 103 नक्सलियों ने डाले हथियार, 49 पर था 1 करोड़ से अधिक का इनाम
बीजापुर। विजयादशमी के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को एक ऐतिहासिक घटना घटी। नक्सल प्रभावित इस इलाके में 103 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
49 इनामी नक्सली भी शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में 49 इनामी नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल मिलाकर 1.06 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इनमें डिवीजनल कमिटी सदस्य लछू पुनेम उर्फ संतोष, प्लाटून पार्टी कमिटी सदस्य गुड्डू फरसा, भीमा सोढी, हिड़मे फरसा और सुकमती ओयाम शामिल हैं। इन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
बाकी 4 नक्सलियों पर 5 लाख,15 पर 2 लाख,10 पर 1 लाख 12 पर 50 हजार और 3 पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में 22 महिलाएं भी हैं।
माओवादी संगठनों में हताशा और मतभेद
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र कुमार यादव ने बताया कि हाल के महीनों में कई बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने या आत्मसमर्पण करने के बाद संगठन का मनोबल टूटा है। कैडरों के बीच भय, निराशा और आपसी मतभेद बढ़ गए हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में माओवादी अब हिंसा से तौबा कर रहे हैं।
सरकारी योजनाओं से प्रभावित होकर लौटे मुख्यधारा में
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और विकास कार्यों से प्रभावित होकर यह निर्णय ले रहे हैं।
दूरस्थ गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार की सुविधाएं मिलने से स्थानीय लोग भी अब मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
सरकार ने सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को तत्काल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। पुनर्वास नीति के तहत उन्हें नौकरी, शिक्षा और कौशल विकास के अवसर दिए जाएंगे।
2025 में अब तक का बड़ा आंकड़ा
बीजापुर जिले में अब तक 410 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 421 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं।
पूरे राज्य में अब तक 253 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिनमें अकेले बस्तर संभाग में 224 शामिल हैं।
👉 यह आत्मसमर्पण न केवल माओवादी हिंसा के कमजोर होते प्रभाव का संकेत है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ में शांति और विकास की ओर बढ़ते कदमों का भी प्रतीक है।

