जनता से वादा 'शराब बंदी' का, मन में इरादा 'शराबमंडी' का! J.C.C.अध्यक्ष अमित जोगी ने सरकार पर कसा तंज
उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया
रायपुर/-पिछले दिनों ई.डी द्वारा छत्तीसगढ़ में की गई करवाई से ये साफ़ हो गया है कि वर्तमान मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार ने पिछले विधानसभा चुनावों में 'शराबबंदी' का वादा किया था वो सिर्फ चुनावी जुमला मात्र था। पिछले चार सालों में छत्तीसगढ़ को 'शराबमंडी' बनाने में राज्य सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। सत्ता दल के नेताओं से लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों तक सभी की संलिप्तता से एक व्यवस्थित तरीक़े से राज्य को बर्बाद किया जा रहा है।
राज्य भर में पिछले चार सालों से नक़ली शराब से लेकर ‘कट' सिस्टम बनाकर अवैध उगाही की जा रही है। दो हज़ार करोड़ से अधिक का ये काला बाज़ार सरकार के उच्च पदाधिकारियों के अनुमति के बिना तो चल नहीं सकता।
छत्तीसगढ़ की जनता को हज़ारों-लाखों लीटर शराब पिलाकर उनकी ज़िंदगीयों को बर्बाद किया जा रहा है। राज्य में बढ़ते अपराध और परिवारों में बढ़ते विवाद का मुख्य कारण भी शराब को लेकर बनाई गई सरकार की ग़लत नीतियाँ हीं हैं।
शराब की कालाबाज़ारी और घोटालेबाज़ी में लिप्त मुख्य दोषीयों को पकड़ने के बजाय आबकारी विभाग द्वारा छोटे-मोटे अनावश्यक मामलों में ख़ानापूर्ति के नाम पर राज्य के ग़रीब लोगों को गिरफ़्तार कर प्रताड़ित किया जा रहा है।
आज पूरे प्रदेश में सिस्टम भ्रष्ट, जनता त्रस्त, सरकार मस्त है।
इन सारी घटनाओं के बीच तथाकथित मुख्य विपक्षी दल ‘भाजपा' के शीर्ष नेताओं की चुप्पी से एक बार फिर ये स्पष्ट हो गया है कि दोनों दलों में सांठगांठ है।आख़िर सत्ता और विपक्षी दल का ये रिश्ता क्या कहलाता है? इसका भी जवाब जनता जानना चाहती है।
अब राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है, आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य को शराबमंडी बनाने वालों को जनता करारा जबाब देगी।