योग के द्वारा हम अपनी उर्जा को बरकरार रख सकते हैं आराध

 योग के द्वारा हम अपने शरीर के उर्जा को बरकरार रख सकते हैं.. श्रीमती आराधना शुक्ला

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ब्रम्हाकुमारीज नगरी का विशेष आयोजन


उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

धमतरी/नगरी- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पुनीत अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी के द्वारा गांधी उद्यान नगरी में योगाभ्यास, आसन, प्राणायाम एवं मेडिटेशन कराया गया साथ ही इससे मिलने वाले लाभ के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई उक्त कार्यक्रम में श्रीमती आराधना शुक्ला (अध्यक्ष नगर पंचायत नगरी) श्रीमती दिनेश्वरी नेताम (अध्यक्ष जनपद पंचायत नगरी) श्री राजेश तिवारी (योग प्रशिक्षक) श्री महेंद्र नेताम (सरपंच) श्रीमती बी.यदु. प्रधान पाठक, तथा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ब्रम्हाकुमारी चंद्रमुखी बहन सहित संस्था के भाई-बहन एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। 


उक्त कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक तरीके से परमपिता शिव परमात्मा की याद में दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत एवं सत्कार पुष्पगुच्छ एवं ईश्वरीय सौगात के साथ की गई तथा सभी अतिथियों ने अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर अपने अपने विचार रखे। सर्वप्रथम श्री राजेश तिवारी जी ने योग प्राणायाम के लाभ बताते हुए कहा कि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है जिसको हम भूलते जा रहे हैं आज के युग में योग की महती आवश्यकता है योग से विभिन्न रोग दूर होते हैं इसी क्रम में श्रीमती आराधना शुक्ला जी ने कहा कि आज की भागदौड़ की जिंदगी में योग का बड़ा ही महत्व है योग के द्वारा हम अपनी ऊर्जा को बरकरार रख सकते हैं श्रीमती बी.यदु. ने योग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे जीवन में योग की अहम भूमिका है इसके द्वारा हम एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं योग प्राणायाम से शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं जबकि मेडिटेशन व ध्यान से हम अपने मन बुद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं। 


तत्पश्चात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि आज मनुष्य के लिए अच्छा स्वास्थ्य तेज दिमाग के साथ एक बेहतर इंसान बनने के लिए योग प्राणायाम एवं मैडिटेशन एक अच्छा विकल्प है योगाभ्यास एक ऐसा प्रभावशाली तरीका है जिससे न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन मस्तिष्क में संतुलन बनाया जा सकता है उन्होंने शारीरिक योगाभ्यास एवं मैडिटेशन का अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस प्रकार शारीरिक योगाभ्यास से हमें शारीरिक व्याधियों से निजात मिलती है हमारा शरीर स्वस्थ व बलवान बनता है उसी प्रकार मेडिटेशन हमारी आत्मिक उन्नति का आधार है मेडिटेशन के द्वारा हम उस परमपिता परमात्मा को याद करते हैं जिससे हमारा चित्त शांत हो जाता है तथा हमारे कर्मेंद्रियों पर संतुलन बनता है साथ ही एकाग्रता बढ़ती है आज के इस बदलते परिवेश में हमको अपने जीवन में योग तथा मेडिटेशन को शामिल करने की नितांत आवश्यकता है तभी हम शारीरिक व मानसिक विकारों से मुक्ति पा सकते हैं साथ ही हमें स्वस्थ तन व उत्तम मन की प्राप्ति हो सकती है योगा मेडिटेशन हमें जीवन जीने की कला सिखाती है एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन निवास करता है मेडिटेशन से मन के सारे विकार दूर होते हैं तथा एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण होता है अंत में उन्होंने सभी भाई बहनों से नियमित योगाभ्यास प्राणायाम एवं मेडिटेशन करने की अपील की। तत्पश्चात श्री राजेश तिवारी जी ने विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास कराया साथ ही उससे मिलने वाले लाभ के विषय में बताया साथ ही बी.यदु ने सभी भाई बहनों को प्राणायाम कराया। कार्यक्रम का संचालन मन्नू भाई ने किया

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