सिपाही पिता और IPS बेटे की कहानी.. पिता जिस थाने में सिपाही थे बेटा उसी जिले का बना एसपी,

0

  सिपाही पिता और IPS बेटे की कहानी.. पिता जिस थाने में सिपाही थे बेटा उसी जिले का बना एसपी, 



रायपुर/लखनऊ पिता यूपी पुलिस में सिपाही थे बेटा अपने पिता को खाकी वर्दी में देखकर खुद भी बड़ा ऑफिसर बनने का सपना देखने लगा। 23 साल की कम उम्र में ही उसका सपना सच हो गया। वह बच्चा IPS अफसर बन गया।

यह पिता-पुत्र की जोड़ी लोगों की नजर में तब आई जब पिता का प्रमोशन हुआ और बेटे ने उनकी वर्दी पर स्टार लगाया। आज फादर्स डे के मौके पर हम इन्हीं पिता-पुत्र की कहानी को लेकर आए हैं।

पिता बोले, मैंने पैसे भिजवाए तो बेटे ने वापस कर दिए

अनूप ने UPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। गर्मी के दिन थे, वे अनूप के पास दिल्ली गए। जनार्दन ने कहा कि जब हम वहां रुके तो बहुत गर्मी थी। हमने अनूप से कहा कि कूलर भी गर्म हवा ही दे रहा। इस पर अनूप का जवाब था कि पापा जब मैं पढ़ाई करता हूं तो मुझे गर्मी हो या सर्दी कुछ महसूस नहीं होती। तब मेरे अकॉउंट में करीब 1 लाख रुपए जमा थे। मैंने उनमें से 50 हजार अनूप के खाते में भेज दिए। जैसे ही अनूप ने देखा कि मैंने 50 हजार रुपए उसे भेजे हैं उसने पैसे वापस भिजवा दिए।

बेटे ने तैयारी की और पहली बार में परीक्षा पास कर ली

अनूप ने अपने माता-पिता के संघर्ष को बेकार नहीं जाने दिया। उन्होंने डटकर एक साल कोचिंग की। फिर परीक्षा दी। पहले ही अटेम्प्ट में अनूप ने UPSC की परीक्षा पास कर ली।

जहां पिता कांस्टेबल थे, बेटा उसी इलाके में SP बनकर पहुंचा

सबसे पहले IPS अनूप सिंह की पोस्टिंग उन्नाव में हुई थी लेकिन कुछ वक्त बाद लखनऊ में उनका ट्रांसफर कर दिया गया। जनार्दन कहते हैं कि मेरे लिए सबसे गर्व का मौका तो तब आया जब मैं जिस थाने में सिपाही के पद पर तैनात था मेरा बेटा उसी इलाके में अधिकारी बनकर आया।

मेरे बेटे ने पहले मेरे पैर छूकर आशीर्वाद लिया फिर ड्यूटी जॉइन कर अपना फर्ज निभाया। मैंने भी ऑन ड्यूटी उसको एक अफसर की तरह ही समझा और उसे सैल्यूट किया।

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !