दंतैल हाथियों का आतंक, 21 मकान तोड़े, 42 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया
पेण्ड्रा गौरेला मरवाही/ 5 दंतैल हाथियों का दल ने मरवाही वन परिक्षेत्र के गांवों में पिछले 11 दिनों से उत्पात मचाते हुए 21 मकान तोड़कर उसमें रखे अनाज को चट कर डाले हैं और 42 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। क्षेत्र में हाथियों के दहशत से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं
हाथी मरवाही परिक्षेत्र के कई गांवों में ग्रामीणों के मकान और फसल को नुकसान पहुंचा चुका है और लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। ये हाथी रोज रात में धान, महुआ खाने के लिए किसी न किसी ग्रामीण का घर तोड़ रहे हैं। अब तक 21 ग्रामीणों के मकान को इन हाथियों ने तोड़ दिया है और उनके घरों में रखे हुए धान, महुआ, मक्का इत्यादि अनाज को चट कर चुके है। यह हाथी ग्रामीणों की बाड़ियों में लगे मक्के की फसल को खाने के साथ ही खड़ी फसल को रौंद रहे हैं
वहीं खेतों में लगे हुए धान की फसलों को भी बुरी तरह से पैरों से रौंद देते हैं। शासन द्वारा बनाए गए नियम में इतना कम मुआवजा दिया जाता है कि किसान के फसल की नुकसानी तो छोड़िए उसकी मजदूरी भी वसूल नहीं होती।
इन हाथियों का दल बुधवार की रात को ग्राम दानीकुंडी और मौहरीटोला के बीच चहल कदमी कर रहा था वहीं पिछले कुछ दिनों से इन्हीं गांवों के अलावा ग्राम नाका के इर्द-गिर्द ही यह दल मंडरा रहा है।वन विभाग इन हाथियों को रोकने में बुरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। मरवाही वन मण्डल के अंतिम छोर में बसे गांव करहनी 11 दिन पहले हाथियों का दल पहुंचा था और घरों को तोड़ने के साथ ही फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था।
हाथियों की चहल कदमी के कारण वन कर्मी ग्रामीणों की मदद से फटाखे फोड़कर हाथियों को गांव की आने से रोकने का प्रयास करते हैं लेकिन उनका प्रयास लगातार नाकाम हो रहा है। पांचों दंतैल हाथी खतरनाक हैं, इसलिए वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने का अपील किया है।
इस संबंध में दानीकुंडी के प्रभारी डिप्टी रेंजर जवाहर लाल केवट ने बताया कि हाथियों की गतिविधि पर वन विभाग के कर्मचारियों की नजर पूरे समय रहती है। अभी तक जिन ग्रामीणों के मकान, फसल इत्यादि को नुकसान पहुंचाया गया है, उसके नुकसानी का आंकलन भी कर रहे हैं जिससे उन्हें मुआवजा दिलाया जा सके।
