भाजपा के 8 जिलाध्यक्षों को मिल सकता है टिकट, पार्टी ने बनाया फार्मूला,पार्टी कर रही सर्वे,

 


  



भाजपा के 8 जिलाध्यक्षों को मिल सकता है टिकट, पार्टी ने बनाया फार्मूला,पार्टी कर रही सर्वे,

रायपुर / आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा में सक्रियता बढ़ गई है। एक -एक बिंदु पर अध्ययन किया जा रहा है सभी बिंदुओं का निष्कर्ष भी निकाला जा रहा है। इस बार भाजपा एक नए फार्मूले पर मंथन कर रही है। इस फॉर्मूला के तहत प्रदेश के 5 से 8 जिलाध्यक्षों को टिकट दी जा सकती है। 

इस फार्मूले के तहत प्रदेश के जितने भी दावेदार जिलाध्यक्ष हैं, उन्हें टिकट लेने से पहले इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके लिए पार्टी विधानसभावार, विकासखंडवार सर्वे करा रही है। सक्रियता, जनाधार और लोकप्रियता के आधार पर टिकट देने की बात कही जा रही है। इसके लिए कार्यकर्ताओं के साथ स्थानीय मतदाताओं में उनकी पैठ कितनी है उसको भी जांचा जायेगा और टिकट मिलने और कटने का यही आधार होगा। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इसपर बड़े पैमाने पर मंथन शुरू कर दिया है।

इसमें जिलाध्यक्षों की मर्जी का भी ध्यान रखा जायेगा जो जिलाध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ना चाहते उनकी जगह किसी और उम्मीदवार पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिन जिलाध्यक्षों पर आक्षेप हैं उसपर आरोप की गभीरता के हिसाब से विचार कर टिकट देने या न देने का निर्णय ले सकती है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीए संतोष और प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर भी कुछ इसी तरह के फार्मूले पर काम करने के संकेत दे चुके हैं। पिछले कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी ने चुनाव में टिकट देने के जो मापदंड बनाने के संकेत दिए हैं उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कुछ वर्तमान सांसदों को भी विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। पार्टी सिर्फ जितने वाले उम्मीदवारों पर ही इस बार दांव लगाना चाहती है। सांसदों के अलावा पूरे सांसदों पर भी दांव लगाया जा सकता है। हालांकि पूर्व के चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी चाहे वे मंत्री ही क्यों न हों उन्हें पार्टी टिकट नहीं देना चाहती। उन्हें टिकट देने से कतरा रही है ऐसे में विवादास्पद मामले में अंतिम निर्णय के लिए स्टैंडिंग कमेटी कमेटी पर जिम्मेदारी दे दी जाएगी।





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