धमतरी ब्रेकिंग....शिक्षा विभाग में पोस्टिंग एवं संशोधन के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार
पैसे देकर अपने मन मुताबिक कहीं भी पोस्टिंग करवाने का चल रहा है खेल
उत्तम साहू
धमतरी/ नगरी- कई घोटाले ऐसे हैं जो लोगों की नजरों में तो नहीं आते लेकिन बहुत से लोग प्रभावित हुए हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के नाम से जाना जाता है। भ्रष्टाचार विश्वासघात का एक ऐसा कार्य है जो शायद ही किसी ने या किसी स्थान को छोड़ा हो,जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ राज्य में पोस्टिंग एवं संशोधन को लेकर घोटाले उजागर हो रहे हैं एवं निलंबन का दौर चल रहा है उसी प्रकार धमतरी जिले के आदिवासी विकास खंड नगरी में भी पोस्टिंग एवं संशोधन का कार्य बड़े पैमाने में किया गया है!
गौरतलब है कि सहायक शिक्षकों को पदोन्नति कर प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नत किया गया था, यह सारी प्रक्रिया ओपन काउंसलिंग के माध्यम से किया गया है, जिसमें दिव्यांग अभ्यर्थी को प्रथम प्राथमिकता के आधार पर स्वेच्छा से सुविधानुसार जगह चयन करने का मौका दिया गया, इस आधार पर दिब्यांग व्यक्ति को प्राथमिकता के तहत मनचाहा स्थान में पोस्टिंग किया जाना था, मौके का फायदा उठाकर दिव्यांग ने एक दूसरे शिक्षक से सेंटिग कर अपने स्थान से 50 किलोमीटर दूर जगह का चयन किया था, बाद में अधिकारी से लेन देन कर के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दूसरे शिक्षक ने दिव्यांग शिक्षक से आपसी स्थानांतरण करवा लिया है, इस पर लेनदेन की चर्चा जोरों पर है
उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा काउंसलिंग में लिए गए स्थान पर कई बार संशोधन किया गया है, एक बार काउंसलिंग में स्वेच्छा से चुने गए स्थान को छोड़कर दूसरे के साथ आपसी स्थानांतरण करवाने का खुला खेल चल रहा है सूत्रों की मानें तो दिव्यांग शिक्षक पहले अपने निवास स्थान से 50 किलोमीटर दूरी पर स्थान चिन्हित करता है फिर सेटिंग करने वाले व्यक्ति के लिए स्थान आरक्षित करवाता है फिर वह स्थान उसे देकर अपने निवास के आसपास,आपसी स्थानांतरण करवा लेने का मामला सामने आया है,
आपको बता दें कि धमतरी के शिक्षा विभाग में पैसों के दम पर सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर पदोन्नत शिक्षकों की पदस्थापना ऐसे शालाओं में की गई है जहां पूर्व से उस विषय का शिक्षक पदस्थ है, जैसे, मोदे, फरसियां, कुकरेल, बाजार कुर्रीडीहि, इसका उदाहरण
जबकि नगरी क्षेत्र में वनांचल के कई स्कूलों में आज भी पद रिक्त है, शिक्षा जगत के लिए इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता है ? जबकि पूर्व वर्षों में ऐसे ही शिक्षकों को अतिशेष कह कर प्रताड़ित किया गया था आज उच्च अधिकारी स्वयं अतिशेष शिक्षक निर्मित करने पर तुले हुए हैं अतः ऐसे शिक्षकों की पदस्थापना तत्काल निरस्त किया जाए एवं जिस स्थान पर उस विषय का शिक्षक नहीं है उन जगहों पर उनकी नियुक्ति की जाए, इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पोस्टिंग के इस खेल में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है अगर इसकी जांच कराई जाए तो और भी कई घोटाले उजागर होने की पूरी संभावना है