दो IAS अफसरों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

 दो IAS अफसरों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब  


बिलासपुर/ अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अधिकारियों की नाफरमानी पर सख्ती दिखाई है. स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और संचालक जयप्रकाश मौर्या को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार, गरियाबंद जिले के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. अरुण सिंह रात्रे को पदस्थापना के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने 30 जुलाई 2018 को आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ की. 30 जून 2019 को डॉ. रात्रे सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन विभागीय जांच कार्यवाही समाप्त ना किए जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय व दुर्गा मेहर के माध्यम से बिलासपुर उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि छग सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के उपनियम 14 में विभागीय जांच कार्रवाई की अधिकतम समय सीमा एक वर्ष है, लेकिन याचिकाकर्ता के विरूद्ध विभागीय जांच कार्रवाई पांच वर्ष से लंबित है. उच्च न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात् याचिका को स्वीकार कर छह माह के भीतर याचिकाकर्ता के विरूद्ध संचालित विभागीय जांच कार्रवाई का अंतिम निराकरण करने का निर्देश दिया था

.निर्धारित समयावधि के भीतर भी विभागीय जांच कार्रवाई शुरू नहीं करने पर पर क्षुब्ध होकर डॉ. अरुण रात्रे ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से उच्च न्यायालय में स्वास्थ्य विभाग सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं संचालक जयप्रकाश मौर्या के विरूद्ध अवमानना याचिका दायर की. उच्च न्यायालय ने याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. 



#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !