शिक्षक भविष्य के शिल्पकार हैं....ब्रह्माकुमारी भावना बहन

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 शिक्षक भविष्य के शिल्पकार हैं....ब्रह्माकुमारी भावना बहन 

ब्रह्मा कुमारीज नगरी में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान किया गया

उत्तम साहू 

नगरी/ प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय नगरी के तत्वाधान में शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर "शिक्षक भावी भविष्य के शिल्पकार" इस विषय पर आधारित शिक्षक सम्मान समारोह 2023 का हर्षोल्लास के साथ आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री एम. एल. पटेल (सेवानिवृत्त व्याख्याता), श्री हृदय नाग (सेवानिवृत्त प्रधान पाठक), श्री खिन्जन साहू (सेवानिवृत शिक्षक), श्री रविशंकर सोन (व्याख्याता), श्रीमती सुनीता ध्रुव (व्याख्याता), श्री संतोष प्रजापति (प्राचार्य) तथा श्री प्रकाश साहू (सी.ए.सी.) श्री लोचन साहू (सी.ए. सी.) श्री लोमश साहू (सी.ए.सी), श्री सुरेंद्र लोन्हारे (सी.ए.सी.), श्री दिनेश ताम्रकार (सी.ए.सी.), श्री मिर्जा सर, श्रीमती तुलसी ध्रुव सहित 60 शिक्षक शिक्षिकाओं ने शिरकत दी। परंपरा अनुसार परमसत्ता शिव परमात्मा की याद में दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुभारंभ की गई।

 तत्पश्चात बहनों द्वारा अतिथियों का स्वागत सत्कार पुष्पगुच्छ एवं आत्मस्मृति की तिलक लगाकर की गई। पीतांबर भाई ने सभी गुरुजनों का अभिनंदन गुरु वंदना गाकर की। तथा बच्चों द्वारा सामूहिक नृत्य कर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का अभिवादन किया गया। उद्बोधन की कड़ी में श्री रविशंकर सोन जी ने कहा शिक्षक का आचरण संयमित होना चाहिए शिक्षक को अभावग्रस्त बच्चों की पहचान करके उन्हें प्रोत्साहित कर आगे बढा़ना चाहिए। इसी तारतम्य में श्री हृदयनाथ जी ने कहा राधाकृष्णन जी ने अपना जन्मदिन शिक्षकों को समर्पित किया शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माता होता है। आगे श्री एम. एल. पटेल ने कहा शिक्षक बच्चों को माता के समान प्रेम वात्सल्य प्रदान करता है तो पिता की भांति अनुशासित करता है।

 श्री खिंजन साहू जी ने सभी को शिक्षक शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की बधाई प्रेषित की।तत्पश्चात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को अशेष शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा की शिक्षक एक शिल्पकार होता है जो पत्थर को तराश कर पूजनीय मूर्ति का निर्माण करता है शिक्षक एक कुम्हार की भांति होता है जो कच्ची मिट्टी रूपी बच्चों को आकार प्रदान करता है उन्होंने कहा आपके पास जो बच्चे आते हैं वह कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं जिसे आप बेहतर रूप दे सकते हैं आप अपने ज्ञान और अनुभव से उन्हें सुसज्जित व अलंकृत कर सकते हैं क्योंकि शिक्षक अनुभवों की खान होते है वह अपने अनुभवों से बच्चों को गुणवान व संस्कारवान बनाते है। 

शिक्षक को अपने आप को एक मिसाल के रूप में प्रतिस्थापित करना चाहिए जिससे बच्चे जीवन पर्यंत उनको रोल मॉडल के रूप में याद रखें। बच्चे देश के कर्णधार होते हैं उनके निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अति सराहनीय होती है। शिक्षक एक दर्पण की तरह होता है जो समाज को एक नई दिशा प्रदान करता है आगे ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने कहा हम सभी मनुष्य आत्माओं के पिता परमपिता शिव परमात्मा परम शिक्षक व सद्गुरु है जो हमें ऐसी पढ़ाई पढा़ता है जिससे हम देवी देवता तुल्य बनते हैं अच्छी शिक्षा पाकर हम गुणवान और मूल्यवान बनते हैं अंत में एक बार फिर सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए ब्रह्माकुमारीज नगरी में सात दिवसीय कोर्स करने का आग्रह किया।

 इस कार्यक्रम में 60 शिक्षकों को ईश्वरीय स्मृति चिन्ह के रूप में मोमेंटो तथा श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन निशा बहन ने किया। अंत में मन्नू भाई द्वारा सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त किया गया।

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