बेलरगांव में शिव-पार्वती के विवाह के पश्चात बच्चे व महिलाओं ने नाचते गाते गौरा-गौरी का विसर्जन किया
उत्तम साहू
नगरी/ बेलरगाँव में गौरा गौरी उत्सव का एक अलग महत्व है। प्रत्येक वर्ष दीपावली और लक्ष्मी पूजा के बाद मनाया जाता है। विशेष तौर पर भगवान शिव पार्वती की पूजा-अर्चना और उनके विवाह की रस्म निभाई जाती है...भक्त बड़ी संख्या में धूमधाम से खुद बाराती बनकर माता पार्वती और शिव जी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं... गौरा-गौरी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व के बाद मंगलवार को गौरा-गौरी की विसर्जन यात्रा निकाली गई। इस दौरान महिलाएं, बच्चे सब उनकी धुन और मगन में झूमते हुए निकले। तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस के दिन हुई थी...इस दौरान शिव-पार्वती के विवाह की रस्म निभाई गई और श्रद्धा पूर्वक पूजन किया गया...
दरअसल, दिवाली के एक दिन बाद गौरा-गौरी विसर्जन यात्रा निकाली जाती है और तालाब में विसर्जन होता है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण होने के कारण यह रस्म एक दिन बाद निभाई गई। क्षेत्र भर के गांवों में विधि विधान से पूजा-अर्चना कर धूमधाम के साथ गौरा-गौरी को विसर्जन किया गया।