भगवान महावीर स्वामी की जयंती का पर्व जैन‌ समाज के द्वारा श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया..

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 भगवान महावीर स्वामी की जयंती का पर्व जैन‌ समाज के द्वारा श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया..

           शोभायात्रा नगर में बना आकर्षण का केंद्र


उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

नगरी... जैन श्री संघ नगरी द्वारा भगवान महावीर स्वामी 2623 व जन्म कल्याण महोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

सुबह से ही सामाज के लोग जैन मंदिर पहुंचे जहां पर प्रवचन का लाभ लेकर भगवान महावीर स्वामी की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से करने के पश्चात जैन मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, शोभा यात्रा के दौरान छोटे छोटे बच्चे अपने हाथों में जैन ध्वज लेकर लहराते हुए आगे आगे चल रहे थे वहीं महिलाएं लाल चुनरी साड़ी में सुसज्जित महावीर जी के भजन गा रही थी पुरुष वर्ग सफेद पोशाक पहने महावीर स्वामी के गगन भेदी नारे लगाते हुए महावीर स्वामी के दिव्य संदेश को घर-घर पहुंचा रहे थे वहीं युवा वर्ग महावीर भजन में झूमते नजर आए,शोभायात्रा यात्रा नगर के बस स्टैंड बजरंग चौक महावीर चौक राजा बाड़ा होते हुए लाइन पारा से बरगद चौक से जैन मंदिर पहुंचकर शोभा यात्रा को विराम दिया गया, तत्पश्चात जैन मंदिर में महावीर स्वामी का महापूजन किया गया जिसमें विधि कारक विमल पारख धमतरी उपस्थित रहे,


ओसवाल भवन नगरी में स्वामी वत्सल का कार्यक्रम रखा गया 


शाम को युवाओं के द्वारा मोटरसाइकिल रैली निकाली गई एवं रात 8:00 बजे शांत क्रांति संघ द्वारा महावीर स्वामी के जन्म से भव तक का सफर प्रहसन की प्रस्तुति दी गई, इसके बाद जैन प्रतिभावान सम्मान एवं लाभार्थियों का सम्मान किया गया, महावीर जंयती के इस‌ आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री संघ अध्यक्ष उत्तम गोलछा कोषाध्यक्ष प्रिंस गोलछा सचिव अनिल छाजेड़ उपाध्यक्ष योगेश नाहटा प्रवीण भंसाली लोकेश नाहटा सहसचिव अजय नाहटा जैन मंदिर संघ अध्यक्ष मोहन भंसाली सहित कमल नाहटा सुनील भंसाली राहुल डागा प्रीतेश बोहरा देवी चंद ढेलड़िया मनोज छाजेड़ प्रतीक चोपड़ा सिद्धार्थ छाजेड़ रिखब सोनी अशोक संचेती प्रदीप छाजेड़ भावेश चोपड़ा प्रकाश गोलछा शांतिलाल चोपड़ा बसंत बोहरा मनीष चोपड़ा नीलम संचेती काकू चोपड़ा सुमित बोहरा सुभाष नाहटा मोहित पहाड़िया अभिषेक ढेलडिया गौतम चोपड़ा ननेश संचेती मोनू नाहटा अभय नाहटा ज्ञान चांद गोलछा नितिन भंसाली ज्ञान ढेलड़िया सहित समस्त सामाजिक जनों का विषेश योगदान रहा।


कहा जाता है कि महावीर स्वामी 30 साल की उम्र में ही राज महलों के सुख को त्याग कर सत्य की खोज में जंगलों की ओर निकल पड़े थे। भगवान महावीर द्वारा ही जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की स्थापना की गई थी। मान्यताओं के अनुसार, भगवान महावीर ने 12 सालों तक कठोर तप किया था। इस दौरान उन्होंने अपनी सभी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी।



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