भू माफियाओं की दबंगई के सामने प्रशासन नतमस्तक
तालाब सहित करोड़ों की शासकीय जमीन को पाटकर किया जा रहा है कब्जा
माइनिंग विभाग के बिना अनुमति के मिट्टी मुरुम की ढुलाई
उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
नगरी/ आदिवासी विकास खंड मुख्यालय नगरी के आसपास शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। करोड़ों रुपए मूल्य की शासकीय भूमि पर भूमाफिया के द्वारा खुलेआम कब्जा किया जा रहा है, शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से चर्चा आम है कि इस शासकीय भूमि पर अधिकारियों के द्वारा मौखिक रूप से लेनदेन किया गया है,
आपको बता दें कि मामला नगरी से सिहावा जाने वाली सड़क में देवपुर के पास व्यवहार न्यायालय एवं तहसीलदार आवास के सामने व आईटीआई के बाजू में शासकीय भूमि खसरा नंबर 831/1-1.34 एवं 2-0.610 हेक्टेयर भूमि है, इस भूमि पर मनरेगा के तहत तालाब का निर्माण किया गया था जिसे पाट कर कब्जा किया जा रहा है, इस जमीन का बाजार भाव पांच करोड़ रुपया है,
गौरतलब है कि इस शासकीय भूमि को समतलीकरण करने सैकड़ो हाईवा मिट्टी और मुरूम का उपयोग किया गया है, इस कार्य में माइनिंग विभाग के बिना अनुमति के व्यवसायिक उपयोग हो रहा है, जिस जगह पर समतलीकरण हो रहा है उस जगह में स्वयं तहसीलदार एवं एसडीएम पहुंचे थे उस वक्त मुरूम ढुलाई कर रहे हाईवा मुरूम खाली कर रहा था इसके बाद भी अधिकारी के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई.जबकि नियमानुसार वाहन मालिक और वाहन के विरूद्ध छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015, छत्तीसगढ़ खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन ) अधिनियम 1957 के तहत हाईवा वाहन पर जब्ती की कार्यवाही करना था,
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के फरमान का असर अधिकारियों पर नहीं हो रहा है
अनुविभाग मुख्यालय में भूमाफियाओं के द्वारा अवैध रूप में भूमि परिवर्तन किए बगैर अवैध रूप से प्लाटिंग करने का खुला खेल चल रहा है, नगरी तहसील मुख्यालय के चारों दिशाओं में जाने वाली सड़कें धमतरी मार्ग सांकर सिहावा मार्ग में भू माफिया और जमीन दलालों के द्वारा कृषि भूमि को बिना ड्राइवर्सन कराए आवासीय प्लाट में हस्तांतरण कर भूखंड पर मिट्टी भराई कर समतली करण करके प्लाटिंग किया जा रहा हैं, नगरी सिहावा मार्ग में सड़क के दोनों किनारे शासकीय घास भूमि पर मिट्टी फीलिंग करके भूखंड को आवासीय प्लाट बनाकर विक्रय किया जा रहा है, शासकीय जमीनों को भी कुछ दलाल लोग पटवारी सें सांठ-घांठ करके हेरा फेरी करने में लगे हुए हैं, इस तरह से अवैध कब्जे का मुद्दा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और चिंता का विषय है
जबकि सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अवैध कार्यों पर रोक लगाने और कार्यवाही करने सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी लेनदेन करके अवैध कारोबारियों को संरक्षण देने में लगे हुए हैं, नगरी-छेत्र में हो रहे इस अवैध कार्यों की उच्च स्तरीय जांच होती है तो अधिकारी और अवैध कारोबारियों के बीच संलिप्तता उजागर हो जाएगा,