अक्षय तृतीया का पर्व पारंपरिक रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया
ठाकुर देव का पूजा अर्चना कर किसान खेती किसानी के कार्य की शुरुआत करते हैं
उत्तम साहू/दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
नगरी/ मगरलोड विकास खंड के वनांचल ग्राम बिरझुली में अक्ति तिहार को पारंपरिक ढंग से बड़े ही धूमधाम से मनाया गया,बैसाख मास शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व अपने आप में अनुपम और पवित्र है। अक्ती तिहार छत्तीसगढ़ की लोक त्योहारों में से एक है, इसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, अक्षय अर्थात बिना मुहुर्त के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है, इस दिन पूरे ब्रह्मांड में हर कार्य पूर्ण और सफल होता है।
लोक मान्यता के अनुसार अक्ती तिहार के दिन ठाकुर देव की विशेष पूजा अर्चना किया जाता है। ग्राम देव ठाकुर देव हमारा ग्राम रक्षक देव भी है,देवी शीतला की कृपा से मंदिरों में जाकर तेल हल्दी और पलास या महुआ के पत्तों से बने दोना से गांव के प्रत्येक किसान वसुंधरा घर से धान ठाकुर देव को अर्पण करते हैं। और भगवान ठाकुर देव से आने वाले खरीफ फसल अच्छी हो इसके लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं,और गांव की सुख शांति समृद्धि का कामना करते हैं। गांव का बैगा पूजा पाठ करते हैं,और साल भर से रखे नई फसल के बीजहा धान को अर्पण कर ठाकुर देव के आंगन में किसानी कार्य खेत जोताई, निंदाई,कटाई,बंधाई, मिजाईं और कोठार कार्य संपन्न करते हैं। इसके बाद फिर प्रत्येक किसान को दोना में भरकर धान को बांटते हैं। बचे हुए धान को पुनः लोटना बनाकर आने वाले वर्ष के लिए रख लिया जाता है। जब किसान ठाकुर देव स्थान से घर आता है तो घर के चौखट पर पानी डालकर पूजन अर्चन कर घर के पूजा स्थान पर धान को रखा जाता है।
कहते हैं कि अक्ती तिहार के दिन अपने पूर्वजों को अक्ती पानी देने से सीधे उन लोगों को मिलते हैं। मान्यता है कि इस दिन ठाकुर देव के पूजन अर्चन से पहले किसी भी घर में नया पानी घर में नही रखा जाता है। इस पावन अवसर पर बैगा तोरण ध्रुव,ग्राम प्रमुख जन देवनारायण विश्वकर्मा, बीसाल सिन्हा,नोहर पटेल,फुलसिंग सिन्हा,छेदन यादव,भुवन साहू, राजा राम सिन्हा, पुराण सिन्हा,बुधारु ध्रुव,मोनू सिन्हा,मितेश सिन्हा,रोशन ध्रुव,कांशी ध्रुव,रामायण सिन्हा सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित थे।