डीफओ और एसडीओ के मध्य विवाद का खामियाजा आदिवासी युवक को भुगतना पड़ रहा है

 

डीफओ और एसडीओ के मध्य विवाद का खामियाजा आदिवासी युवक को भुगतना पड़ रहा है

अपर सचिव ने दिया उपनिदेशक वरुण जैन के खिलाफ जांच के आदेश



धमतरी/नगरी- सीता नदी उदंती टाइगर रिजर्व गरियाबंद के उपनिदेशक और एसडीओ के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है,अब तो इनके विवाद इतना बढ़ गया है कि विभाग से निकलकर उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है, बता दें कि पूर्व में डीएफओ वरूण जैन के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने एवं बल पूर्वक नगरी स्थित एसडीओ कार्यालय का ताला तोड़कर जरूरी एवं महत्वपूर्ण फाईलों को चोरी कर ले जाने का आरोप है, यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, बताया जा रहा है कि यह फाईल  दुर्लभ वन्यजीव पेंगोंलीन से संबंधित है जिसमें तत्कालीन रेंजर एवं वर्तमान में एसडीओ गोपाल कश्यप फंस सकता है, इस फाईलों से तत्कालीन रेंजर के द्वारा किए गए नियम विरुद्ध कार्य उजागर हो सकता है,

ताजा घटनाक्रम एसडीओ एम.आर.साहू ने विगत दिनों जंगल से रेत निकाल रहे ट्रैक्टर को राजसात करने की कार्यवाही हेतु वन परिक्षेत्र अधिकारी को लिखा था, लेकिन उपनिदेशक वरुण जैन के द्वारा कार्यवाही नहीं होने दिया गया और परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा इस ट्रेक्टर को छोड़ा गया था इसके बाद फिर से उसी मामले में दूसरी बार कार्यवाही किए जाने से सवाल खड़ा हो गया है,

इस मामले को लेकर एसडीओ एम आर साहू से बात किया तो उन्होंने बताया कि राजसात की कार्यवाही में अर्थ दंड लेकर मुक्त करने का आदेश दिया था जिसकी कार्यवाही न्यायालय के अंतर्गत आता है जिसका अपीलीय अधिकारी मुख्य वन संरक्षक रायपुर है, परंतु उपनिदेशक वरुण जैन के द्वारा दुर्भावनावश और अपने पद का दुरुपयोग कर स्वत: आदेश को निरस्त कर पुनः आदिवासी जीवनलाल हल्बा ग्राम मेचका के ट्रैक्टर को जप्त कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है एसडीओ एम आर साहू के द्वारा कहा गया है कि यह कार्यवाही नियम विरुद्ध है इसके पूर्व में वरुण जैन द्वारा रात में ताला तोड़कर पैंगोलिन के साथ ही अन्य फाइल को ताला तोड़कर जबरदस्ती बलपूर्वक चोरी कर ले जाने का संगीन आरोप लगाते हुए कहा है कि,नियम विरुद्ध कार्य करने वाले रेंजर गोपाल कश्यप को संरक्षण देने का कार्य किया है, बता दें कि पूर्व में उक्त अधिकारी वरुण जैन पर आदिवासी युवक के उपर करेंट लगा कर मारपीट करने का संगीन आरोप लग चुका है, उक्त अधिकारी को हटाने और कार्यवाही करने आदिवासी समाज के द्वारा प्रदर्शन भी किया गया है,

जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान में लेकर विभाग के अपर सचिव द्वारा वरुण जैन के खिलाफ समय सीमा के भीतर जांच करने का आदेश दिया गया है,

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इस पूरे प्रकरण को लेकर अर्सीकन्हार के रेंजर श्रीमती मेश्राम से बात किया तो उन्होंने जांच अधिकारी डिप्टी रेंजर अनस ध्रुव से बात करने की बात कहा, जब जांच अधिकारी से फोन के द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने साफ शब्दों में एक लाइन में कहा कि इस मामले में कार्रवाई के लिए उपनिदेशक वरुण जैन के द्वारा निर्देशित किया गया था हमारे द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के आदेश का पालन किया गया है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त अधिकारी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर इस तरह के घटना को अंजाम दिया है,

 

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