बेलरगांव एवं बिरगुड़ी के ब्रह्माकुमारी बहनों ने किया शिक्षकों का सम्मान

  बेलरगांव एवं बिरगुड़ी के ब्रह्माकुमारी बहनों ने किया शिक्षकों का सम्मान


उत्तम साहू 

नगरी/ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय उपसेवा केन्द्र बिरगुड़ी एवं गीता पाठशाला बेलरगांव द्वारा शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम रखा गया जिसमें मुख्य रूप से दिव्य धाम धमतरी से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रम्हकुमारी प्राजक्ता बहन,श्री वी पी चन्द्रा जी प्राचार्य सिंगपुर, श्री आर के देवांगन जी प्राचार्य बेलगांव, श्री कैलाश कुमार गंजीर जी प्राचार्य बासनवाही, श्रीं अमरसिंह कश्यप जी सेवानिवृत्त शिक्षक, श्री आर आर नाग जी सेवानिवृत्त प्रधानपाठक उपस्थित थे, इस अवसर पर कैलाश गंजीर जी ने कहा कि आज बच्चों में नैतिक शिक्षा की आवश्यकता है।




 वी पी चन्द्रा जी ने कहा कि आज बच्चों में संस्कार की कमी होते जा रहे हैं उसको संस्कार वान बनाने का दायित्व शिक्षा पद्धति पर नही बल्कि परिवार एवं मां-बाप पर है क्योंकि आज की शिक्षा पद्धति व्यवसायिक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं पर आधारित हों गया है जिसमें बच्चों पर पढ़ाई का टेंशन ज्यादा बढ़ते जा रहें है और उसे हल्का महसूस करना है तो अपने दिनचर्या में मेडिटेशन को अपनाने की जरूरत है क्योंकि मेडिटेशन से मन और बुद्धि शांत होता है जिससे पढ़ाई वा कोई भी कार्य करने में शक्ति प्राप्त होती है।। राजयोगिनी ब्रम्हकुमारी प्राजक्ता बहन ने कहा कि कर्म फिलासफी क्या है कर्म फिलासफी का मतलब है जैसा हम बीज बोयेगें उसका वैसा ही फल मिलता है तो यदि अपने भविष्य को सुखमय आनंदमय शांतिमय बनाना है तो उसका बीज आज से ही हमें अपने संस्कारों में लाना होगा और वह संस्कार किसी दुकान पर या कहीं बाहर नहीं मिलेगा वह संस्कार तो हमारे आत्मा की मूल संस्कार है जैसे दया प्रेम सुख आनंद शांति पवित्रता ज्ञान और शक्ति जिसका सही परिचय जानकर हम अपने जीवन को सुखमय आनंदमय शांतिमय बना सकते हैं इस प्रकार इस अवसर पर ब्रम्हकुमारी दिपीका बहन, ब्रम्हकुमारी मूलेश बहन, ब्रम्हकुमारी चंद्रमुखी बहन, ब्रम्हकुमारी सत्या बहन के साथ ही बेलर अंचल के सभी शिक्षक शिक्षिकाऐं उपस्थित रहें सभी उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं को गमछा श्रीफल एवं परमात्मा के महावाक्य श्लोगन, परमात्म भोग देकर सम्मानित किया गया अंत में अजय भाई द्वारा उपस्थित सभी सम्माननीय जनों का आभार व्यक्त किया गया।

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