बीएमओ और बीपीएम के मिली भगत से जीवन दीप समिति की राशि में लाखों के भ्रष्टाचार..
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड का
उत्तम साहू, दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज
मगरलोड/ पारदर्शी प्रशासन तथा विकासन्नोमुखी सरकार देने की नीति से छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन और विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसके इतर सरकार के मंशा पर पानी फेरते हुए मगरलोड स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ शारदा ठाकुर और बीपीएम मनोज पटेल के द्वारा जीवनदीप समिती की राशि में फर्जी बिल लगाकर खुलेआम भ्रष्टाचार किया गया है, लाखों रुपया सैलरी मिलने के बाद भी सरकारी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर जीवन दीप समिति की सरकारी राशि पर गिद्ध की तरह नजर गड़ाए रहते हैं और मौका मिलते ही भ्रष्टाचार करने में लग जाते हैं भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हो चुकी है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर ऊपर की अधिकारी अपना स्वार्थ साधने में लग जातें हैं, एवं भ्रष्टाचार की जांच करने के बहाने लेन देन करके मामले पर लीपापोती करते हैं, और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को क्लीन चिट दे दिया जाता है,
शासकीय राशि को गबन करने वालों पर कार्यवाही नहीं होगी तो भ्रष्टाचार पर लगाम कैसे लगेगा ? और इस तरह से भ्रष्टाचारीयों के हौसले बुलंद होते रहेंगे, ऐसे में सरकार की सुशासन और भ्रष्टाचार पर जिरो टारलेंस की बात करना बेमानी होगी,
बता दें कि मगरलोड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवन दीप समिति की राशि का खुलकर बंदरबांट किया गया है जिसका पुख्ता प्रमाण है,भ्रष्टाचार का आलम यह है कि बीएमओ और बीपीएम के मिली भगत से जीवन दीप समिति की राशि में लाखों रुपए का हेराफेरी किया गया है, सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक जीवन दीप समिति में लाखों रुपए की राशि को कूट रचना दस्तावेज तैयार कर के कंप्यूटर रिपेयरिंग स्टेशनरी खरीदी, शिशु वस्त्र खरीदी,अस्पताल मरम्मत सहित विभिन्न प्रकार से अन्य सामाग्रीयों का फर्जी बिल लगा कर लाखों का भ्रष्टाचार किया गया है, इसकी ईमानदारी से निष्पक्ष जांच होने पर फर्जीवाड़ा होने का खुलासा हो जाएगा,
बता दें कि जीवनदीप समितियां अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई हैं। उसे फंड एकत्रित करने का अधिकार दिया गया है। जीवनदीप की राशि का उपयोग यदि अस्पतालों में इमानदारी पूर्वक किया जाए तो मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकता है। लेकिन इस राशि का बंदरबांट किया जा रहा है, हकीकत में मरीजों के हितों को देखकर उनके लिए अत्याधुनिक यंत्र, ब्रांडेड दवा सहित अन्य संसाधन खरीदा जाए तो इसका लाभ मरीजों को मिलेगा लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस दिशा में कारगर प्रयास नहीं करते। समिति द्वारा अस्पताल के विकास व मरीजों की सुविधा को लेकर खर्च किए जाने का नियम है। लेकिन बीएमओ और बीपीएम ने इन नियमों को ठेंगा दिखाते हुए लाखों का फर्जी बिल लगा कर राशि गबन किया है, इसकी उच्च स्तरीय जांच कर बिल में दर्शाए गए सामानों का भौतिक सत्यापन किया जाए तो मामले का खुलासा हो जाएगा।