ट्रिपल मर्डर..सोते हुए मां-बेटी और बेटे को कुल्हाड़ी से काटा... कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

  ट्रिपल मर्डर..सोते हुए मां-बेटी और बेटे को कुल्हाड़ी से काटा... कानून व्यवस्था पर उठे सवाल 




बलरामपुर/ जिले से एक चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है, जिसमें एक ही परिवार की मां, बेटी और बेटे की हत्या कर दी गई। इस दर्दनाक घटना का कारण प्रेम संबंध बताया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और आरोपी से पूछताछ जारी है। 

हत्या की वजह आरोपी मोख्तार अंसारी के छोटे भाई आरिफ अंसारी का मृतका मुस्कान ठाकुर से प्रेम संबंध बताया जा रहा है। आरिफ कुसमी में ठेकेदारी का काम करता था। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी मोख्तार अंसारी के पिता को सांप ने काट लिया था, जिससे उसके शरीर के अंग गल रहे हैं। इसके बावजूद छोटा भाई आरिफ पिता के इलाज के लिए पैसे नहीं भेजता था। इससे मोख्तार अंसारी नाराज था। इसी को लेकर मुस्कान और उसके परिवार को मारने की साजिश रची और फिर मोख्तार ने इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में कॉल डिटेल और मोबाइल चैट से आरिफ और मुस्कान के बीच संबंध की पुष्टि हुई है। मुख्य आरोपी मोख्तार अंसारी (38) ने मुस्कान और उसके परिवार को पहले तीनों को गांव से 80 किलोमीटर दूर कुसमी से बलरामपुर के दहेजवार इलाके में लाकर एक झोपड़ी में रखा। जब रात में सभी सो गए, तो उसने कुल्हाड़ी से उनके सिर और माथे पर कई वार किए और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसने शवों को पानी से भरे खाली खेत के नाले में फेंक दिया। इस कारण शवों से बदबू भी नहीं फैली और मामला छिपा रहा।

शुक्रवार को महाराजगंज निवासी खेत मालिक, जो धान की फसल काटने के लिए खेत में पहुंचा, उसने वहां तीन नर कंकाल देखे। ये कंकाल उस बंद पड़े फ्लाई ऐश ब्रिक्स प्लांट के पास थे, जहां किसी का आना-जाना नहीं होता था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर फॉरेंसिक टीम के साथ जांच की और तीन खोपड़ियां, अन्य हड्डियां, साड़ी, सलवार, और पैंट जैसे कपड़े बरामद किए।तीनों की पहचान कुसमी से 27 सितंबर से लापता सूरजदेव ठाकुर की पत्नी कौशल्या ठाकुर (36 साल), बेटी मुक्तावती उर्फ मुस्कान ठाकुर (17 साल) और बेटा मिंटू ठाकुर (6 साल) के रूप में हुई।

यह मामला पुलिस की लापरवाही को भी उजागर करता है। तीनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट कुसमी थाने में दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सूरजदेव ठाकुर ने एफआईआर के लिए मुख्यमंत्री के नाम पर भी आवेदन दिया था और मुख्यमंत्री कैंप बगिया में भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बावजूद एफआईआर नहीं की गई। आरिफ ने पुलिस को बताया था कि उसका भाई मोख्तार तीनों को लेकर गया है, लेकिन पुलिस ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

मुख्य आरोपी मोख्तार अंसारी को गिरफ्तार कर बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर की अगुवाई में कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से पुलिस ने आरोपी को पांच दिनों की रिमांड पर लिया है। पूछताछ में पुलिस यह भी पता लगाएगी कि क्या कोई अन्य आरोपी भी इस अपराध में शामिल था और क्या कौशल्या ठाकुर सिर्फ मोख्तार के कहने पर आई थी या अन्य किसी ने उसे मजबूर किया।

पुलिस ने डीएनए सैंपल को फॉरेंसिक टीम की देखरेख में एकत्रित कर रायपुर भेजा है। डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने में करीब 10-15 दिन लग सकते हैं। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस जांच में आगे की दिशा तय करेगी और यह स्पष्ट होगा कि अन्य आरोपियों की संलिप्तता है या नहीं।

इस घटना के बाद प्रशासनिक फेरबदल भी हुआ। कुसमी थाना प्रभारी जितेंद्र जायसवाल को पुलिस लाइन बलरामपुर अटैच कर दिया गया है, जबकि रघुनाथनगर थाना प्रभारी संत लाल आयाम को कुसमी थाना प्रभारी बनाया गया है। हालांकि, इस बदलाव को प्रशासनिक कदम बताया गया है, लेकिन यह साफ है कि लापरवाही के आरोपों के चलते यह निर्णय लिया गया। यह घटना बलरामपुर क्षेत्र में कानून व्यवस्था और पुलिस की तत्परता पर बड़े सवाल खड़े करती है। इस मामले में जनता की निगाहें अब पुलिस की जांच और कार्रवाई पर टिकी हैं। आरोपी से पूछताछ और डीएनए रिपोर्ट के बाद इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।




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