जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में जिले के अधिकारी रहे नदारद

 



 जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में जिले के अधिकारी रहे नदारद

अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर उठाया सवाल..?


उत्तम साहू 

नगरी/ बेलरगांव - राज्य शासन के मंशानुरूप आमजनों की समस्या, मांग और शिकायतों के निराकरण के लिए आज विकासखण्ड नगरी के ग्राम बेलरगांव स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल परिसर में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में जिले के अधिकारी नदारद रहे, शिविर में सिर्फ तीन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे जिसमें से शिक्षा विभाग के डीईओ टीआर जगदल्ले, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यू.के कौशिक एवं महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती जगरानी एक्का उपस्थिति थीं बाकी विभाग के अधिकारी शिविर में नहीं आए थे, जिला स्तरीय इस शिविर में बेलरगांव सहित आसपास से पहुंचे ग्रामीणों ने अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर जिला प्रशासन पर सवाल उठाया है, इस दौरान ग्रामीणों ने कहा की जब जिम्मेदार अधिकारी ही शिविर में नहीं आए तो जिला स्तरीय शिविर लगाने का औचित्य क्या है..? 

बता दें कि इसके पूर्व भी ग्राम फरसियां में जिला स्तरीय शिविर आयोजित किया गया था लेकिन वहां भी जिले के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जिला प्रशासन सिर्फ फारमेल्टी निभाने एवं खाना पूर्ति के लिए ऐसे शिविर आयोजित किया जा रहा है. ग्रामीणों ने यहां तक बताया है कि समस्याओं को लेकर हमने तीन चार माह पूर्व भी आवेदन दिया था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी हमारी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है,

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रदेश भर में शिविर लगाकर शिकायत और मांग संबंधी आवेदन प्राप्त कर उन पर संवेदनशीलता से कार्यवाही करने अधिकारियों को निर्देशित किया है, इसके साथ ही ऐसे आवेदन, जिनका तत्काल निराकरण नहीं किया जा सकता, उनके लिए समय सीमा दिया जाता है। शिविर के माध्यम से अधिकारियों द्वारा विभागीय योजनाओं और शासन की जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की विस्तार पूर्वक जानकारी ग्रामीणों को दिया जाता है, बेलर के शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवाईयां वितरित की गई। इस दौरान टीबी, मलेरिया, टायफाईड इत्यादि से बचाव के संबंध में जानकारी दी गई। इसके अलावा गर्भवती माताओं को नियमित जांच, कुपोषण से बचाव के लिए पूरक पोषण आहार के संबंध में बताया गया। साथ ही शुगर, बीपी इत्यादि की नियमित जांच कराने की समझाईश दी गई। वहीं कृषि विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के बदले दलहन, तिलहन और नगदी फसल लेने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया। फसल चक्र परिवर्तन अपनाने के बारे में अधिकारियों ने किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके साथ ही खेतों में पैरा नहीं जलाने की समझाईश भी जनसमस्या निवारण शिविर में दिया गया। वन विभाग द्वारा हाथी विचरण क्षेत्र की जानकारी शिविर में दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि मुनादी कर सतर्क रहने की समझाईश लगातार दी जा रही है। हाथी की वजह से हुए फसल क्षति का प्रकरण तैयार कर उचित मुआवजा दिलाने के संबंध में भी जनसमस्या निवारण शिविर में बताया गया। शिविर में ग्रामीणों ने सड़क में गड्ढे होने की शिकायत की। इस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि बारिश की वजह से सड़क में गड्ढे हो गए हैं, जल्द ही इन गड्ढों की मरम्मत कर ली जाएगी। 

जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर को संबोधित करते हुए अपर कलेक्टर मरकाम जी ने कहा कि ग्रामीणजन शिविर में पहुंचकर इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लोगों की समस्या, मांग और शिकायत संबंधी आवेदनों का जल्द से जल्द निराकरण करें और जिन आवेदनों के लिए समय सीमा दिया गया है, उससे आवेदकों का अवगत कराएं।

इस मौके पर ग्राम पंचायत बेलरगांव के सरपंच श्री उमेन्द्र दीवान, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अपर कलेक्टर जी.आर.मरकाम., एसडीएम नगरी डॉ.विभोर अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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