आबकारी अधिकारी के संरक्षण में ग्रामीण अंचल में खुलेआम बिक रहा है महुआ शराब
कार्यवाही के नाम पर हो रही है हजारों रुपए की वसूली
उत्तम साहू
नगरी/ शासन के निर्देश पर चलाई जा रही नशा मुक्ति अभियान मजाक बन कर रह गया है, इस अभियान के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं निभाई जा रही है, नशा के अवैध कारोबार में संलग्न व्यक्तियों पर कार्यवाही करने जिस विभाग को दायित्व सौंपा गया है, वही लोग इसके आड़ में हजारों लाखों की वसूली करने में व्यस्त हैं, क्षेत्र के गांव गांव में खुलेआम अवैध रूप से महुआ का शराब बनाकर बेचे जा रहे हैं लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति किया जा रहा है,
बता दें कि ब्लाक मुख्यालय नगरी सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। इस अवैध कारोबार में कारोबारी मालामाल हो रहे हैं, दूसरी तरफ खास तौर पर युवा वर्ग शराब एवं अन्य नशीली वस्तुओं के मकड़ जाल में फंसता जा रहा है। इस आदिवासी क्षेत्र के गांव गांव में अवैध रूप से महुआ शराब बिकने से गांव के पुरे युवा वर्ग इसके चपेट में आ रहे है शाम होते ही गांव का माहौल खराब हो जाता है। अवैध शराब बिक्री को लेकर आसपास के ग्रामीणों के द्वारा पुलिस और आबकारी विभाग में शिकायत करने के बावजूद भी इस अवैध कारोबार पर ध्यान न देना समझ के परे है।
हमारे विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नगरी ब्लाक के आबकारी अधिकारी शराब पकड़ने के नाम पर महीने में आकर महुआ शराब बनाने वाले प्रति व्यक्ति से 25 से 30 हजार रुपए वसूल किया जाता हैं, बताया जाता है कि इस वसूली अभियान का मुखिया यहां पर पदस्थ आबकारी अधिकारी है, इस अधिकारी के उपर अवैध महुआ शराब बनाने वालों पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, क्यूं कार्यवाही नहीं हो रही है इसका मतलब समझा जा सकता है, क्षेत्र में उन लोगों पर कार्रवाई होती है जो आर्थिक रूप से कमजो पैसे देने में असमर्थ होते हैं उनका केश बनाया जाता है,
इन गांवों में वर्षों पूर्व से अवैध महुआ शराब के चल रहा है कारोबार
उल्लेखनीय है कि ब्लाक मुख्यालय सहित सांकरा, रानीगांव उमरगांव, मुकुंदपुर देवपुर हरदीभांठा छिपली गोरेगांव फरसियां, भोथली भैंसा सांकरा नवागांव गहनासियार के साथ ही अन्य गांवों में महुआ शराब बना कर खुलेआम बिक्री किया जा रहा हैं, ग्रामीणों की शिकायत के बाद खानापूर्ति करने एक दो जगह कार्यवाही की जाती है। जिसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है और फिर से खुलेआम शराब बिकना शुरू हो जाता है।
परंतु प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नजर नही आ रही है। और लोग बेखौफ हो कर गली मोहल्ले में खुले आम शराब बेचते देखा जा सकता है। ब्लाक के अधिकांश गांवों में युवा शाम होते ही सड़क के नजदीक या खेतों में बैठकर नशा करने लगते हैं।आबकारी विभाग के अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन की कमजोरी के कारण शहर एवं गांवों में अवैध शराब का कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। शराब के धंधे में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से उन्हें बढावा मिल रहा है। जिससे समाज में विकृति बढ रही है।