सांस्कृतिक प्रस्तुती के साथ कर्णेश्वर माघी पुन्नी मेला का समापन

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सांस्कृतिक प्रस्तुती के साथ कर्णेश्वर माघी पुन्नी मेला का समापन



उत्तम साहू 

नगरी/ पुन्नी माघ के पावन अवसर पर महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर स्थित पावन कर्णेश्वर धाम में इस वर्ष भी पांच दिवसीय माघी पुन्नी मेला का भव्य आयोजन कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट के तत्वाधान में संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ क्षेत्र की विधायक अंबिका मरकाम जी, पूर्व विधायक श्रावण मरकाम जी, ट्रस्ट के पदाधिकारीगण एवं क्षेत्र के सम्माननीय नागरिक भी उपस्थित रहे।

    धार्मिक आस्था एवं भक्ति का केंद्र: कर्णेश्वर धाम

कर्णेश्वर धाम महानदी के त्रिवेणी संगम के तट पर बसा एक पवित्र तीर्थस्थल है, जहाँ प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु माघी पुन्नी के दिन पवित्र डुबकी लगाकर अपने आराध्य भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं और सुख-शांति की कामना करते हैं। कर्णेश्वर धाम अपनी धार्मिक महत्ता और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है।

समापन समारोह के दौरान विधायक अंबिका मरकाम जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा,"कर्णेश्वर धाम केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। महानदी के त्रिवेणी संगम पर स्थित यह पवित्र धाम श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक शांति और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। यहाँ भगवान शिव का वास होने के कारण यह स्थल शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस पावन धाम पर आकर हर कोई अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की उपासना करता है।"उन्होंने आगे कहा,

"महानदी, जो छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा है, उसका उद्गम स्थल इसी पवित्र भूमि पर स्थित है। यह धाम हमें हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर की याद दिलाता है और हमें इसे संरक्षित रखने का संदेश देता है। कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट द्वारा इस भव्य मेले के आयोजन के लिए मैं उन्हें हृदय से बधाई देती हूँ। यह मेला हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखने और भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।""कर्णेश्वर धाम को धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से और भी विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। इससे क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिल सकेगी। यह स्थल हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है और इसे संरक्षित रखना हम सभी का दायित्व है।"

       महानदी के उद्गम स्थल एवं कर्णेश्वर घाट की महत्ता

विधायक अंबिका मरकाम जी ने महानदी के उद्गम स्थल और कर्णेश्वर घाट के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा,"महानदी केवल एक नदी नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और सभ्यता की आधारशिला है। इसका उद्गम स्थल हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। कर्णेश्वर घाट पर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर हम अपनी आध्यात्मिक यात्रा को सार्थक बनाते हैं।"

कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट के द्वारा माघी पुन्नी मेला का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ किया गया, जिसमें क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी हजारों श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि भोजराज नाग जी, विधायक अंबिका मरकाम जी, पूर्व विधायक श्रावण मरकाम जी और सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। समापन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोक कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुतियाँ देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विधायक अंबिका मरकाम जी ने भावी योजनाएँ और संदेश देते हुए अंत में कहा कि,"कर्णेश्वर धाम को पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से और भी विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि हो और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिल सके।"कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट ने सभी श्रद्धालुओं और अतिथियों का धन्यवाद करते हुए यह संकल्प लिया कि वे भविष्य में भी इसी प्रकार भव्य आयोजन करते रहेंगे, जिससे धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराओं को सजीव रखा जा सके।




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