पंचायत सचिव संघ ने सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप आज विधानसभा का घेराव करेंगे..
17 मार्च को विधानसभा घेराव, 18 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल
सरकार को मोदी की गारंटी याद दिलाएंगे पंचायत सचिव
उत्तम साहू
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाप्त होते ही पंचायत सचिव संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने 17 मार्च को विधानसभा घेराव और 18 मार्च से प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रदेश पंचायत सचिव संघ ने बताया कि पंचायत सचिवों को शासकीयकरण की गारंटी दी गई थी, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। संघ ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द निर्णय लेने की मांग की है। संघ ने अपने आंदोलन की रणनीति स्पष्ट कर दी है: 17 मार्च: विधानसभा का घेराव 18 मार्च: प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल 1 अप्रैल: मंत्रालय घेराव
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
कोमल निषाद ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023-24 के दौरान मोदी की गारंटी के तहत पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया गया था। 7 जुलाई 2024 को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को अति आवश्यक बताते हुए तत्काल कमेटी गठन की घोषणा की थी।
16 जुलाई 2024 को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने समिति गठित कर 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। समिति ने रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, जिससे पंचायत सचिवों में रोष है।
पंचायत सचिवों की मुख्य मांगें
1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए। समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई हो।पंचायत सचिवों को नियमित वेतन और सुविधाएं दी जाएं। सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यदि मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।